झारखंड में कांग्रेस विधायकों के छिटकने की आशंका, फूंक-फूंककर कदम रख रही पार्टी; नहीं माने तो...
Jharkhand Congress MLA चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस विधायकों के अड़ियल रुख ने झारखंड में पार्टी के सामने नई परेशानी खड़ी कर दी है। फिलहाल कांग्रेस के विधायक सीधे-सीधे दो फाड़ हो गए हैं। एक तरफ मंत्री बनाए गए चार विधायकों का धड़ा है तो दूसरी तरफ मंत्री नहीं बनाने से नाराज विधायकों का कुनबा हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। चंपई सोरेन मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस विधायकों के अड़ियल रुख ने झारखंड में पार्टी के सामने नई परेशानी खड़ी कर दी है। फिलहाल, कांग्रेस के विधायक सीधे-सीधे दो फाड़ हो गए हैं। एक तरफ मंत्री बनाए गए चार विधायकों का धड़ा है तो दूसरी तरफ मंत्री नहीं बनाने से नाराज विधायकों का कुनबा हैं।
पहले 12 विधायकों ने खुलकर नए मंत्रियों के खिलाफ मोर्चाबंदी की थी। इसमें से आठ ने यहां से दिल्ली जाकर विरोध दर्ज कराया। हालांकि, असंतुष्ट खेमा का दावा था कि सभी 12 विधायक दिल्ली आएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। एक विधायक प्रदीप यादव तो इस खेमेबंदी के बीच पूरी तरह तटस्थ रहे।
प्रदीप यादव विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के उपनेता हैं। बहरहाल विधायकों के रवैये से झारखंड विधानसभा में 23 फरवरी से आरंभ हो रहे विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा को सत्ता पक्ष पर प्रहार करने के लिए एक नया मुद्दा मिल गया है। आपस में खटास होने के कारण कांग्रेसी विधायक अपने मंत्रियों के साथ खड़े होने में परहेज करेंगे। हालिया प्रकरण ने इनके बीच दूरी बढ़ाई है।
इसका आगामी चुनावों के परिणाम पर भी असर पड़ सकता है। कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष परेशानी यह है कि अगर जिद पर अड़े विधायकों के साथ सख्ती बरती जाती है तो विधायक दूसरी पार्टी का रुख कर सकते हैं। किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होने की स्थिति मे अनुशासनहीनता बढ़ेगी। हालांकि कांग्रेस आलाकमान की बेरुखी ने फिलहाल इन विधायकों को निराश कर दिया है।
बच-बचाकर बोलते रहे कांग्रेस कोटे के मंत्री
कांग्रेस विधायकों की मांग को देखते हुए सरकार में शामिल पार्टी कोटे के मंत्री बच-बचाकर बोलते रहे। जिस दिन यह प्रकरण आरंभ हुआ, उसी दिन कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम उमरा के लिए विदेश दौरे पर चले गए। मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि कहीं कोई नाराजगी नहीं है।
उन्होंने खुद को आलू के जैसा बताते हुए कहा कि वे जहां रहते हैं, स्वाद बढ़ा देते हैं। अन्य मंत्रियों ने इस प्रकरण पर चुप्पी साधना बेहतर समझा।
प्रदेश नेतृत्व का भी नहीं मिला साथ
कांग्रेस विधायकों की मुहिम को प्रदेश नेतृत्व का साथ नहीं मिला। प्रदेश कांग्रेस का कोई वरीय नेता इनके पक्ष में खुलकर सामने नहीं आया। इन विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा था। राजेश ठाकुर मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के साथ दिल्ली गए और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे समेत अन्य वरीय नेताओं से मुलाकात की और वापस लौट आए। ऐसे में ये विधायक अलग-थलग पड़ गए।
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