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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का बड़ा फैसला, जेल में बंद इतने कैदी जल्द आएंगे बाहर; अफसरों को दिया ये निर्देश

झारखंड की जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को लेकर हेमंत सोरेन की सरकार ने बड़ी घोषणा की। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बुधवार को सजा पुनरीक्षण पर्षद की बैठक में 109 कैदियों की रिहाई के बिंदु पर समीक्षा की। इस दौरान अदालतों संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक जेल अधीक्षक व जिला प्रोबेशन अफसरों के मंतव्य पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 10 Jan 2024 07:34 PM (IST)
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हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, जेल में बंद कैदियों को लेकर कर दिया ये एलान; (प्रतीकात्मक तस्वीर)
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य की जेलों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे 56 कैदी रिहा होंगे। झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 30वीं बैठक में 109 कैदियों की रिहाई के बिंदु पर समीक्षा के बाद यह सहमति बनी है।

समीक्षा के क्रम में अदालतों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक व जिला प्रोबेशन पदाधिकारियों के मंतव्य पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जो कैदी जेल से रिहा किए जाते हैं, उनकी लगातार ट्रैकिंग और मानीटरिंग होनी चाहिए। इसके अलावा उनके पुनर्वास की दिशा में भी पहल की जाए ताकि वे मुख्यधारा में बनें रहें।

यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़े जाएंगे रिहा होने वाले बुजुर्ग कैदी

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है और कहा कि अक्सर देखा गया है की जेल से जो बुजुर्ग कैदी रिहा रहा किए जाते हैं, उन्हें उनका परिवार अपनाने के लिए आगे नहीं आता है। ऐसे बुजुर्ग कैदियों को सरकार के यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ा जाए ताकि उन्हें इस तरह के हालात में उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं पड़े।

उन्होंने यह भी कहा कि रिहा होने वाले कैदियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए ताकि उन्हें जीविकोपार्जन की दिशा में सहूलियत मिल सके।

1831 कैदी हो चुके हैं रिहा

बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29 वीं बैठक तक 1831 कैदियों की रिहाई हो चुकी है। अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्ष 2019 से लेकर अब तक 457 कैदियों के घर का जिला प्रोबेशन पदाधिकारियों ने सर्वे भी किया है।

इनमें से 378 कैदियों को सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है, जबकि अन्य कैदियों को सरकार की योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है।

बैठक में ये रहे मौजूद

इस बैठक में गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, पुलिस महानिदेशक अजय कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे, विधि विभाग के प्रधान सचिव-सह-विधि विधि परामर्शी नलिन कुमार, पुलिस महानिरीक्षक मनोज कौशिक, जेल महानिरीक्षक उमाशंकर सिंह, न्यायिक आयुक्त रांची अरुण कुमार राय, जेल एआइजी हामिद अख्तर और प्रोबेशनर अधिकारी चंद्रमौली सिंह उपस्थित थे।

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