IAS बनकर सीएम से हुआ सम्मानित, हेमंत सोरेन के साथ खाया भोज, अब सौरभ पांडेय पर थाने में प्राथमिकी
Fake IAS Saurabh Pandey यूपीएससी में सफल बताने वाले सौरव पर झारखंड सरकार ने कसा शिकंजा। खुद को यूपीएससी में सफल बताकर मुख्यमंत्री से सम्मानित होने वाले सौरव के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज। पलामू के गांव-गांव में लोग कर रहे थे सम्मानित और दे रहे थे बधाई।
पलामू, जागरण संवाददाता। Fake IAS Saurabh Pandey खुद को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा में सफल बताकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों सम्मानित होने वाला पलामू जिले के पांडू का रहने वाला कुमार सौरव पांडेय बुरी तरह फंस गया है। इस फर्जीवाड़े को लेकर सौरव के खिलाफ पांडू थाना में पांडू के बीडीओ सह सीओ राहुल उरांव ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।
357वां रैंक लाने वाले असली सौरभ कुमार यूपी का
बताते चलें कि इस साल 30 मई 2022 को यूपीएससी-2021 की परीक्षा का परिणाम जारी हुआ था। इसके बाद पांडू निवासी सौरव ने खुद को सफल प्रतिभागी बताया था। 357वां रैंक मिलने की बात कही थी। इसके बाद वह मीडिया की सुर्खियों में छा गया। पलामू जिले में जगह-जगह उसे सम्मानित किया गया। अखबारों में छपी खबरों के आधार पर झारखंड से यूपीएससी में सफल प्रतिभागियों को सम्मानित करने के लिए राज्य सरकार ने जिला प्रशासन के माध्यम से रांची बुलाया। 26 जुलाई को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सबको प्रशस्ति पत्र सौंप कर सम्मानित किया। भोज भी दी। इसके बाद पता चला कि कुमार सौरव असली सफल प्रतिभागी नहीं है। 357वां रैंक लाने वाले यूपी का कुमार सौरव हैं।
उपायुक्त के आदेश पर सीओ ने दर्ज कराई प्राथमिकी
कुमार सौरव के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पलामू के उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने पांडू के अंचलाधिकारी राहुल उरांव को प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया। इसके बाद शुक्रवार देर शाम सीओ ने प्राथमिकी दर्ज कराई। बीडीओ ने बताया कि सौरव ने खुद को यूपीएससी सफल प्रतिभागी बताकर मुख्यमंत्री के हाथों प्रशस्ति पत्र प्राप्त किया। उसके खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
साक्ष्य मांगने पर कहा-ट्रेन से जंप कर जाऊंगा
कुमार सौरव से दैनिक जागरण ने बात कर यूपीएससी में सफल होने का साक्ष्य मांगा तो उसने आत्महत्या करने की चेतावनी दी। कहा-ट्रेन में हूं। ट्रेन से कूद रहा हूं। छाप दीजिए। फिर बताया कि मैंने परीक्षा दी थी। मेरा नाम स्कोर कार्ड में था। मेरे क्रमांक से मेल खा रहा था। इसलिए खुद को सफल समझ बैठा। दूसरी तरफ सौरव की तरफ से जो एडमिट कार्ड दिखाया जा रहा है वह भी फेक प्रतीत हो रहा है।