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Jharkhand Liquor Scam : झारखंड शराब घोटाले में पहली गिरफ्तारी, माफिया योगेंद्र तिवारी को ED ने किया गिरफ्तार

झारखंड में शराब घोटाले मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। इस दौरान शराब माफिया योगेंद्र तिवारी को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है। योगेंद्र तिवारी पर शराब के धंधे से करोड़ों रुपये अर्जित करने का आरोप है। योगेंद्र तिवारी को शुक्रवार को ईडी की रांची स्थित विशेष अदालत में पेश किया जाएगा। झारखंड में शराब घोटाला मामले में ईडी ने पहली गिरफ्तारी की है।

By Dilip KumarEdited By: Shashank ShekharUpdated: Thu, 19 Oct 2023 08:36 PM (IST)
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झारखंड शराब घोटाले में पहली गिरफ्तारी, माफिया योगेंद्र तिवारी को ED ने किया गिरफ्तार

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने शराब माफिया योगेंद्र तिवारी को गुरुवार की शाम करीब सात गिरफ्तार कर लिया है।

ईडी ने उसे पूछताछ के लिए रांची बुलाया था। इसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। योगेंद्र तिवारी देवघर का रहने वाला है। शराब घोटाले में झारखंड में ईडी की यह पहली गिरफ्तारी है।

करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप

योगेंद्र तिवारी पर आरोप है कि उसने पूर्व की सरकार से लेकर अब तक शराब के धंधे से करोड़ों की संपत्ति अर्जित की। उसने नेताओं व नौकरशाहों के काले धन का भी निवेश किया।

शेल कंपनियों में भी काले धन खपाए। ईडी को उससे व उसके भाई अमरेंद्र तिवारी के अलावा देवघर के कांग्रेस नेता मुन्नम संजय से भी पूछताछ में इससे संबंधित कई ठोस सबूत मिले, जिसके आधार पर ईडी ने उसे गिरफ्तार किया है।

शुक्रवार को कोर्ट में होगी पेशी

गिरफ्तार योगेंद्र तिवारी को ईडी शुक्रवार को ईडी की रांची स्थित विशेष अदालत में प्रस्तुत करेगी। ईडी तिवारी को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट से आग्रह करेगी ताकि पूछताछ में कुछ और सबूत जुटा सके।

योगेंद्र तिवारी का रांची के हरमू हाउसिंग कॉलोनी के डी-2 में मेसर्स संथाल परगना बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी है। इसके अलावा देवघर में होटल सिद्धार्थ के सामने उसका गोदाम व बोम्पास टाउन में डा. राजीव पांडेय के अस्पताल के पास उसका आवास है।

वहीं, योगेंद्र तिवारी के भाई अमरेंद्र तिवारी का धनबाद के बेकारबांध में कौशिकी राधिका रीजेंसी अपार्टमेंट झारूडीह में फ्लैट नंबर 402 व जामताड़ा के स्टेशन रोड मिहिजाम में एसबीआइ बिल्डिंग की दूसरी मंजिल पर आवास भी है। योगेंद्र तिवारी का जामताड़ा के मिहिजाम स्थित स्टेशन रोड में अपना आवास भी है।

प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी के बाद से था भय

पिछले साल अवैध खनन मामले में ईडी ने नेताओं व नौकरशाहों के चहेते प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था। प्रेम प्रकाश के ठिकाने पर ईडी ने छापेमारी की थी तो वहां से शराब के सिंडिकेट से संबंधित भारी मात्रा में दस्तावेज हाथ लगे थे।

उस वक्त ही ईडी को यह जानकारी मिल गई थी प्रेम प्रकाश ने योगेंद्र तिवारी के साथ मिलकर शराब के धंधे में बड़ा घोटाला किया था। दोनों ने मिलकर नेताओं व नौकरशाहों के काले धन को सफेद बनाया। अधिकारियों-नेताओं की मिलीभगत से फर्जी कंपनी पर शराब का ठेका लिया।

काले धन को जमीन, बालू व शेल कंपनियों में निवेश किया। 2020 में योगेंद्र तिवारी के करीबियों की शराब दुकानों में स्टॉक में भी गड़बड़ी मिली थी। उस वक्त कई गिरफ्तार हुए थे। तिवारी पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ही ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी।

ईडी ने जब प्रेम प्रकाश को गिरफ्तार किया था, उसके बाद से ही योगेंद्र तिवारी ने ईडी की जासूसी करानी शुरू करा दी थी कि कहीं उस तक ईडी तो नहीं पहुंच रही। ईडी की छानबीन में इसका भी खुलासा हो चुका है।

23 अगस्त को 36 ठिकानों पर हुई थी छापेमारी

शराब घोटाले में ईडी ने 23 अगस्त को राज्य के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के आवास सहित कुल 36 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस छापेमारी में रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव के ठिकाने से ईडी को 30 लाख रुपये नकदी मिले थे।

उस वक्त योगेंद्र तिवारी के ठिकानों से भी भारी मात्रा में दस्तावेज मिले थे। ईडी को यह भी जानकारी मिली थी कि वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव का राज्य के शराब कारोबार में बड़ा निवेश था।

पूर्व में 21 मार्च की आयकर विभाग की छापेमारी में यह खुलासा हुआ था कि शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी ने करीब 15 करोड़ से अधिक की अघोषित संपत्ति अर्जित की है।

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