भारत में पहली बार जमशेदपुर में टाटा कंपनी करने जा रही हाइड्रोजन इंजन का निर्माण, जानें क्या हैं इसके फायदे
Jharkhand News देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की पहली कंपनी टाटा मोटर्स के जमशेदपुर प्लांट के अंदर स्थापित होगा। शुक्रवार को रांची स्थित प्रोजेक्ट भवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की उपस्थिति में झारखंड सरकार के उद्योग विभाग टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी साॅल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर हुआ। इससे प्रदूषण कम होगा जो इस वक्त पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
जागरण टीम, रांची। Jharkhand News: सड़कों पर दौड़ने वाले वाहनों से होने वाला प्रदूषण भारत समेत पूरी दुनिया के लोगों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। बैट्री और सीएनजी के बाद अब हाइड्रोजन इंजन इसका बड़ा समाधान बनकर सामने आ रहा है।
जमशेदपुर में बन रहा हाइड्रोजन इंजन का देश का पहला प्लांट
भारत में पहली बार जमशेदपुर में टाटा कंपनी हाइड्रोजन इंजन का निर्माण करने जा रही है। प्लांट में आधारभूत संरचना निर्माण का काम शुरू कर दिया गया है। टाटा-कमिंस ने पहले चरण में पांच हजार इंजन उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें एक हजार इंजन हाइड्रोजन व बैटरी युक्त प्रणाली पर आधारित होंगे।
हाइड्रोजन इंजन के निर्माण के लिए टाटा मोटर्स और कमिंस इंक यूएसए ने टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी साल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (टीजीईएसपीएल) नामक एक ज्वायंट वेंचर बनाया है। इस प्रोजेक्ट पर कंपनी ने पहले चरण में 354.28 करोड़ के निवेश का निर्णय लिया है। निर्माण शुरू होने में एक वर्ष लग सकता है।
ऐसे काम करता है हाइड्रोजन इंजन
हाइड्रोजन इंजन हाइड्रोजन से ईंधन बनाकर उससे वाहन को गति देने की प्रक्रिया पूरी करता है। इसमें मोटर और इलेक्ट्रिक सर्किट से जुड़ी बैटरी से हाइड्रोजन तथा आक्सीजन की प्रतिक्रिया कराई जाती है, जिसमें ईंधन बनने के फलस्वरूप कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता है।
इसकी क्षमता भी अन्य ईंधन की अपेक्षा अधिक होती है। साथ ही इसका एनर्जी लेबल अधिक होता है। ऐसे में इसे पेट्रोल, डीजल तथा अन्य ईंधन की तुलना में बेहतर विकल्प माना जा रहा है।
पूरे देश में ग्रीन एनर्जी को लेकर चिंता हो रही है और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन की स्थिति लाने का लक्ष्य तय किया जा रहा है। झारखंड में इस दिशा में बढ़ा यह कदम देश में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
शून्य कार्बन उत्सर्जन की वजह से बताया जा रहा क्रांतिकारी
टाटा मोटर्स की ओर से आधिकारिक तौर पर बताया गया है कि कंपनी 25 से 30 वर्ष में ऑटोमोबाइल सेक्टर में शून्य कार्बन उत्सर्जन हासिल करने के लक्ष्य के साथ काम कर रही है।
बताया गया है कि ग्रीन टेक्नोलाजी मैन्युफैक्चरिंग प्रोजेक्ट में प्रतिवर्ष 4000 से ज्यादा हाइड्रोजन आइसी और फ्यूल एग्नोस्टिक इंजन तथा 10 हजार से ज्यादा बैटरी उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अनुमान है कि इस प्रोजेक्ट में 300 से ज्यादा लोगों का प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा।
बीएमडब्ल्यू में लगे हाइड्रोजन इंजन का भाग। स्रोतः इंटरनेट मीडिया
अच्छा साथी बनेगा प्राकृतिक गैस का इंजन
प्राकृतिक गैस हाइड्रोजन ईंधन पर आधारित इंजन क्रांतिकारी वातावरण को प्रदूषण रहित बनाने में क्रांतिकारी साबित होगा। इसमें तकनीक के बेहतर उपयोग का दावा कंपनी की ओर से किया जा रहा है। आने वाले दिनों में हाइड्रोजन ईंधन के साधन भी राज्य में विकसित होंगे।