Move to Jagran APP

झारखंड के पूर्व मुख्‍य सचिव सजल चक्रवर्ती का निधन, चारा घोटाला मामले में रहे हैं दोषी

Jharkhand Ranchi News उन्‍होंने आज बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। वे 1980 बैच के आइएएस अधिकारी थे। चारा घोटाला मामले में सजल चक्रवर्ती भी आरोपित बनाए गए थे। वे अपने कार्यकाल के दौरान कई वजहों से चर्चा में रहे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 05 Nov 2020 05:27 PM (IST)
झारखंड के पूर्व मुख्‍य सचिव सजल चक्रवर्ती।
रांची, जेएनएन। झारखंड के पूर्व मुख्‍य सचिव और आइएएस अधिकारी सजल चक्रवर्ती का निधन हो गया है। उन्‍होंने आज बेंगलुरु में अंतिम सांस ली। वे 1980 बैच के आइएएस अधिकारी थे। चारा घोटाला मामले में सजल चक्रवर्ती भी दोषी पाए गए थे। वे अपने कार्यकाल के दौरान कई वजहों से चर्चा में रहे। इधर, मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने सजल चक्रवर्ती के निधन पर शोक प्रकट किया है।

सजल चक्रवर्ती ने आइएएस बनने से पहले पायलट की ट्रेनिंग ली थी। उनके पास एयरक्राफ्ट उड़ाने का लाइसेंस भी था। सजल झारखंड के गिने-चुने आइएएस अधिकारियों में से एक हैं, जो एयरक्राफ्ट उड़ाते थे। सजल चक्रवर्ती एयरफोर्स में जाना चाहते थे, लेकिन वे आइएएस बन गए। भारी-भरकम शरीर वाले सजल चक्रवर्ती चारा घोटाला मामले में पेशी के दौरान एक बार रांची में कोर्ट के बाहर गिर गए थे। इस दौरान उनका वजन 150 किलो था। जानवरों से प्‍यार करने वाले चक्रवर्ती ने पत्रकारिता की पढ़ाई भी की थी। उन्‍होंने अपने घर में कई जानवरों को पाल रखा था।

चारा घोटाले के समय वे चाईबासा के उपायुक्त पद पर आसीन थे। वे इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय जेल में रहे। वे दो बार झारखंड के मुख्‍य सचिव रहे। पहली बार वे 30 अप्रैल, 2014 से 14 अगस्त, 2014 तक मुख्य सचिव के प्रभार में रहे। इसके बाद उन्होंने 30 सितंबर, 2014 को झारखंड के मुख्य सचिव का प्रभार ग्रहण किया। वे 20 जनवरी, 2015 तक इस पद पर रहे।

चारा घोटाला मामले में सीबीआइ कोर्ट ने उन्‍हें दोषी ठहराते हुए चार वर्ष की सजा सुनाई थी। सजल चक्रवर्ती ने सजा को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। इसके बाद हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था। वे कई बीमारियों से ग्रसित थे। वे ठीक से चल नहीं पाते थे। इन्‍होंने दो शादियां की थी। लेकिन दोनों से उनका तलाक हो गया था। उनके एक बड़े भाई थे, जो सेना में बड़े अफसर थे।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।