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Jharkhand News: कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित 25 को किया बरी, रंगदारी व जानलेवा हमले का था आरोप

पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित 25 अन्य आरोपितों को बरी कर दिया है। इन सभी पर रंगदारी मांगने व जानलेवा हमला करने का आरोप लगा था। इस मामले में अभियोजन पक्ष ने एक भी गवाह पेश नहीं किया। अदालत ने योगेंद्र साव आशुतोष मिश्रा महेश महतो धीरेंद्र प्रजापति धर्मनाथ साव गुरुदयाल साव संजय दास सुखलाल भूइयां बदरी साव संजय साव सहित अन्य आरोपितों को बरी कर दिया।

By Manoj Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 26 Apr 2024 09:39 PM (IST)
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कोर्ट ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित 25 को किया बरी (File Photo)
राज्य ब्यूरो, रांची। अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने पूर्व मंत्री योगेंद्र साव सहित 25 अन्य आरोपितों को रंगदारी मांगने व जानलेवा हमला करने के आरोप से बरी कर दिया। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एक भी गवाह प्रस्तुत नहीं किया जा सका।

अदालत ने योगेंद्र साव, आशुतोष मिश्रा, महेश महतो, धीरेंद्र प्रजापति, धर्मनाथ साव, गुरुदयाल साव, संजय दास, सुखलाल भूइयां, बदरी साव, संजय साव, सुदन गंझू, सुधीर दास सहित अन्य आरोपितों को रिहा कर दिया।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने ये बताया

बचाव पक्ष के अधिवक्ता विमल कुमार ने बताया कि अभियोजन पक्ष मामले को स्थापित नहीं कर सका। चतरा के टंडवा थाना में 18 जून 2015 को योगेंद्र साव सहित 60-70 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह प्राथमिकी आम्रपाली सीसीएल टंडवा के बीजीआर कंपनी के मैनेजर ने दर्ज कराई थी।

एफआईआर में इन बातों का जिक्र

प्राथमिकी में कहा गया था कि 18 जून 2015 को दोपहर 12.30 बजे आम्रपाली कोलियरी में कार्य कर रहा था, उसी समय 60-70 अज्ञात व्यक्तियों हथियार से लैस होकर वहां पहुंचे तथा कार्य बंद करने तथा रंगदारी के भुगतान के बिना कार्य जारी न रखने का निर्देश दिया।

जब रंगदारी के भुगतान किए बिना कार्य प्रारंभ किया तो उनलोगों ने मैनेजर को जान से मारने की नियत से लाठी-डंडे से पीटना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं हथियार से लैस व्यक्तियों ने वहां की 38 मशीनों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। जिससे लगभग दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

लोगों ने लगाई कोयला परिवहन पर रोक

इन लोगों ने कोयला परिवहन पर भी रोक लगा दी थी लेकिन अदालत में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आरोपितों पर लगे आरोपों को साबित करने में विफल रही है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चतरा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चल रही सुनवाई को वर्ष 2019 में रांची भेजा गया था।

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