Ranchi News: चार शिक्षक ही 100 छात्राओं को बना रहे शिक्षिकाएं, दो टीचर्स तो दूसरे कॉलेज से आ रहे; फिर भी स्थिति काफ खराब
Ranchi News राजकीय महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय की स्थिति काफी खराब है। यहां छात्र-शिक्षक के अनुपात का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। यहां शिक्षकों के सृजित पद 16 हैं लेकिन सिर्फ चार शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन कराया जा रहा है। तीन शिक्षकों को कांके के कालेज से बुलाकर कक्षाएं संचालित कराई जा रही है। इसके अलावा छात्राओं को सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। उच्च शिक्षा विभाग की ओर से दिसंबर माह में रांची युनिवर्सिटी को राजकीय महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय बरियातू को हेंडओवर किया गया, लेकिन इसका लाभ कालेज को नहीं मिल पाया है। आरयू के पदाधिकारियों ने अब तक भौतिक रूप से इस संस्थान का न निरीक्षण किया है और न ही अब तक हैंडओवर संबंधित प्रक्रिया पूरी की है।
यहां के कर्मियों और पढ़ाई करने वाली छात्राओं को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। आलम यह है कि यहां छात्र-शिक्षक के अनुपात का भी अनुपालन नहीं किया जा रहा है। यहां शिक्षकों के सृजित पद 16 हैं, लेकिन सिर्फ चार शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन कराया जा रहा है। जबकि तीन शिक्षकों को कांके के कालेज से बुलाकर कक्षाएं संचालित कराई जा रही है।
उच्च शिक्षा विभाग से हैंडओवर संबंधी प्रक्रिया किए जाने के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि आरयू के कुलपति का दौरा होगा और सबकुछ सामान्य हो जाएगा। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। राज्य स्तर पर होने वाली प्रतियोगी परीक्षा में उच्च अंक हासिल करने के बाद ही यहां छात्राएं नामांकित होती हैं। इसके बावजूद यहां बुनियादी सुविधाएं मसलन साफ सफाई, शौचालय, ऊंची चारदीवारी का अभाव है।
लाइब्रेरी में पर्याप्त पुस्तकें तो कक्षा संचालन के लिए फैकल्टी का भी अभाव है। यहां हर सत्र में 100 विद्यार्थियों के लिए सीट निर्धारित है, लेकिन सुविधाओं की कमी के कारण पठन-पाठन भी प्रभावित हो रहा है। प्रभारी प्राचार्या से लेकर शिक्षक तक प्रतिनियुक्ति पर पदस्थापित हैं। शिक्षकों व संसाधनों की कमी के कारण महाविद्यालय में पढ़ाई का हाल बेहाल है। अब तक यहां सहायक प्राध्यापकों की स्थाई नियुक्ति तक नहीं की गई है।
छात्राओं को नहीं मिल रही हास्टल की सुविधा
महाविद्यालय में राज्य भर से 100 छात्राओं का चयन प्रतिवर्ष किया जाता है। छात्राओं के लिए परिसर में ही 200 बेड की क्षमता वाले हास्टल का निर्माण तो कर दिया गया लेकिन इसका लाभ छात्राओं को नहीं मिल रहा है। जिस कारण छात्राएं बाहर में 5 से 10 हजार रुपये तक कमरा किराया पर लेकर रह रही हैं।रखरखाव के अभाव में यहां के फर्नीचर जहां टूट रहे हैं वहीं झाड़ियां उग आईं हैं। सुरक्षा कर्मियों के अभाव में चोर उचक्कों का वास है। बाथरूम में लगे बेसिन, बिजली तार व उपकरण, पेयजल के लिए लगाए प्यूरीफायर तक चोर उचक्कों की भेंट चढ़ चुके हैं। वहीं यहां पढ़ाई करने आने वाली छात्राएं बाहर से ही अपने साथ पेयजल लाती हैं। शौचालय तक की सफाई नहीं हो पाती है।
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