फुरकान को किनारे करने पर कांग्रेस में उफान, झामुमो की प्रतिष्ठा भी दांव पर
फुरकान को राज्यसभा उम्मीदवार बनाने के लिए कांग्रेस आलाकमान को लिखा गया पत्र सार्वजनिक हुआ है। इसमें विधायक नवीन विक्सल कोंगाड़ी ने लिखा था जिसपर कई अन्य विधायकों के हस्ताक्षर थे
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sun, 15 Mar 2020 05:20 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार नहीं बनाए जाने से नाराज फुरकान अंसारी के आवास पर शनिवार को स्थानीय कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता जुटे। यहां वह पत्र भी सार्वजनिक हुआ जिसमें कई विधायकों ने फुरकान अंसारी को उम्मीदवार बनाने की अनुशंसा की थी। फुरकान के लिए पत्र विधायक नवीन विक्सल कोंगाड़ी ने लिखा था, जिसपर कई अन्य विधायकों के हस्ताक्षर थे। हाल में ही कांग्रेस में शामिल विधायक प्रदीप यादव एवं बंधु तिर्की ने भी इस पर हस्ताक्षर किया था। लोकसभा चुनाव के दौरान गोड्डा सीट से टिकट नहीं दिए जाने के बाद राज्यसभा के लिए आश्वस्त किए जाने की बात भी उठी। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि पार्टी के फैसले से कार्यकर्ताओं में रोष है। लोगों ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जो उम्मीदवार खड़ा किया है उससे यह साफ प्रतीत होता है कि कांग्रेस ने भाजपा को वॉकओवर दे दिया।
झामुमो के लिए आसान नहीं होगा फेर में फंसी कांग्रेस को पार लगाना
राज्यसभा चुनाव में झारखंड से प्रत्याशी उतारकर कांग्रेस अजब फेर में पड़ गई है। चुनाव में जीत के लिए मैजिक आंकड़े का जुगाड़ करना भी मुश्किल है और वापस लौटना भी। सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के लिए भी कांग्रेस की नैया को पार लगाना आसान नहीं है। कांग्रेस की मदद में झामुमो को खुद की किरकिरी भी हो सकती है। विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद यदि उसके वोट भाजपा से कम आए, तो खासी फजीहत होगी।
झामुमो की भी हो सकती है किरकिरी राज्यसभा चुनाव की मौजूदा परिस्थिति में कांग्रेस को झामुमो से प्रथम वरीयता के दो वोट की आस है। ऐसी स्थिति में झामुमो प्रत्याशी गुरुजी को प्रथम वरीयता के 27 वोट ही मिल सकेंगे। वे उच्च सदन तो आसानी से पहुंच जाएंगे, लेकिन इस बात की भी संभावना भी है कि उनके वोट भाजपा प्रत्याशी दीपक प्रकाश से कम हो जाएं। इधर, भाजपा प्रत्याशी दीपक प्रकाश द्वारा तीन सेटों में नामांकन दाखिल कर चुनाव से पहले ही ताकत का एहसास करा दिया गया है।
मदद के चक्कर में भाजपा से कम मिल सकते हैं वोटभाजपा अध्यक्ष दीपक प्रकाश के तीन सेट में दाखिल किए गए नामांकन पत्रों में 27 प्रस्तावकों ने हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें आजसू के लंबोदर महतो और निर्दलीय अमित यादव भी शामिल हैं। जाहिर है आजसू प्रमुख सुदेश महतो खुलकर भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में आ गए हैं और फिलहाल भाजपा को प्रथम वरीयता के 28 वोट सीधे-सीधे मिलते दिख रहे हैं, वह भी फरार ढुलू महतो के बगैर। यदि ढु़लू का वोट पड़ा तो आंकड़ा 29 पहुंच जाएगा, जो कि बहुमत के लिए जरूरी आंकड़े से कहीं अधिक होगा।
सरयू राय और विनोद सिंह वोटिंग से रह सकते हैं दूरनिर्दलीय विधायक सरयू राय और माले विधायक विनोद सिंह राज्यसभा चुनाव से दूरी बना सकते हैं। हालांकि, दोनों ने ही अपने मंतव्य अब तक स्पष्ट नहीं किए हैं। लेकिन, सरयू राय के एक बयान से इसके साफ संकेत मिल रहे हैं। उन्होंने कहा है कि झारखंड में पक्ष-विपक्ष बात कर लें और दो ही उम्मीदवार दें। तीसरा उम्मीदवार देकर अनावश्यक रूप से अस्वस्थ्य परंपरा को आगे बढ़ाने के बदले में स्वस्थ्य परंपरा अपनाएं। विनोद सिंह पूर्व में भी राज्यसभा चुनाव से दूरी बनाते रहे हैं।
18 तक लिया जा सकता है नाम वापस राज्यसभा चुनाव को लेकर नामांकन पत्रों की जांच 16 मार्च तक होगी, जबकि 18 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते हैं। चुनाव 26 मार्च को होगा।
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