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दस लाख इनामी गुजू गोप सहित तीन उग्रवादियों को किया था ढेर, अब राष्ट्रपति से मिला वीरता पदक; टीम में एक से बढ़कर एक जांबाज

दस लाख के इनामी गुजू गोप सहित तीन उग्रवादियों को ढेर करने सहित कई अलग-अलग घटनाओं में शामिल रहने वाले 23 पुलिस अधिकारियों-जवानों को राष्ट्रपति से वीरता पदक मिला। गुमला के कामडारा में 24 सितंबर 2019 को पीएलएफआई उग्रवादियों से भी इनकी मुठभेड़ हुई थी। इसके अलावा माओवादियों के एरिया कमांडर दो लाख इनामी दीनू उरांव को मार गिराने वाली टीम को भी यह सम्‍मान मिला।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Fri, 26 Jan 2024 09:06 AM (IST)
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बहादुरी के साथ नक्‍सलियों का सामना करने वाले जवानों को वीरता का पुरस्‍कार।
राज्य ब्यूरो, रांची। गणतंत्र दिवस पर विभिन्न घटनाओं में वीरता पूर्ण कार्य करने वाले 23 पुलिस अधिकारियों-जवानों को पुलिस वीरता पदक दिया जाएगा। इन्हीं घटनाओं में से एक गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र में 24 सितंबर, 2019 की वह घटना शामिल है। इसमें उग्रवादी संगठन पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआइ) के दस लाख के इनामी उग्रवादी गुजू गोप सहित तीन उग्रवादियों को मुठभेड़ में मार गिराने वाली पूरी टीम को इस बार राष्ट्रपति के हाथों पुलिस वीरता पदक दिया गया है।

जांबाजों की टीम में ये रहे शामिल

जिन्हें पुलिस वीरता पदक मिला है, उनमें तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक ऋषभ कुमार झा, एएसपी अनुराग राज, डीएसपी दीपक कुमार, दारोगा सदानंद सिंह, सिपाही याकुब सुरीन व सिपाही अशोक कुमार शामिल हैं।

इन अधिकारियों-जवानों ने साहस व वीरता का परिचय देते हुए पीएलएफआई के उग्रवादियों से मुठभेड़ का जवाब दिया। इस मुठभेड़ में दस लाख के इनामी उग्रवादी गुजू गोप, विष्णु सिंह व समीर कंडुलना मारा गया था।

छापामारी टीम ने इस मुठभेड़ के दौरान दस लाख के इनामी उग्रवादी संतोष यादव को गिरफ्तार कर लिया था। वहां से भारी मात्रा में हथियार व कारतूस की बरामदगी हुई थी।

दीनू उरांव को मार गिराने वाली टीम को भी वीरता पदक

गुमला जिले के विशुनपुर थाना क्षेत्र में एक अप्रैल 2020 को पुलिस व माओवादियों के रीजनल कमांडर 15 लाख के इनामी रवींद्र गंझू के दस्ते के साथ मुठभेड़ हो गई थी।

इस मुठभेड़ में दो लाख का इनामी एरिया कमांडर दीनु उरांव मारा गया था। इस घटना में गुमला जिले के एएसपी बृजेंद्र कुमार मिश्रा, सिपाही मोहम्मद असगर अली, सिपाही रंजीत कुमार व सिपाही शेख सिकंदर ने साहस व वीरता का परिचय दिया था। इस पूरी टीम को भी इस बार वीरता पदक मिला है।

PLFI के शनिचर सुरीन को ढेर करने वाली टीम को भी गैलेंट्री

पश्चिम सिंहभूम जिले में गुदरी थाना क्षेत्र के जंगली पहाड़ी इलाके में खूंटी पुलिस व पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप के दस्ते के साथ मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में दस लाख का इनामी उग्रवादी शनिचर सुरीन मारा गया था।

इस उग्रवादी के विरुद्ध खूंटी, चाईबासा व गुमला जिले में कुल 84 कांड दर्ज थे। इस मुठभेड़ में खूंटी के डीएसपी ओमप्रकाश तिवारी, पुलिस निरीक्षक दिग्विजय सिंह, दारोगा रोशन कुमार सिंह, सिपाही अनूप लकड़ा ने साहस व वीरता का प्रदर्शन किया था। इन सभी पदाधिकारी-जवानों को पुलिस वीरता पदक मिला है।

उग्रवादी लाका पाहन को मारने वाली टीम को वीरता पदक

खूंटी जिले के मुरहू थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पांच लाख का इनामी उग्रवादी लाका पाहन मारा गया था। उसके विरुद्ध खूंटी, चाईबासा व रांची जिले में कुल 61 कांड दर्ज थे।

इस घटना में शामिल दारोगा विक्रांत कुमार, हवलदार फबियानुस तिर्की, हवलदार नारायण मांझी, हवलदार अमित कुमार, सिपाही अनिल उरांव व सिपाही बाबूराम बास्की ने साहस व वीरता का प्रदर्शन किया था। इस पूरी टीम को राष्ट्रपति के हाथों पुलिस वीरता पदक दिया गया है।

उग्रवादी पुनई उरांव को ढेर करने वाली टीम को भी वीरता पदक

रांची जिले के नगड़ी थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में पीएलएफआइ उग्रवादी पुनित उरांव उर्फ पुनई उरांव मारा गया था।

इस घटना में पुलिस निरीक्षक राजीव कुमार, सिपाही कृषा उरांव व सिपाही विनय टेटे ने साहस व वीरता का परिचय दिया था। राष्ट्रपति के हाथों इस घटना में शामिल पूरी टीम को इस बार पुलिस वीरता पदक दिया गया है।

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