Jharkhand Election 2024: गैंगस्टर अमन साहू चुनाव लड़ेगा या नहीं? आ गया हाईकोर्ट का फैसला; थाने में 120 मामले हैं दर्ज
गैंगस्टर अमन साहू के चुनाव लड़ने की अर्जी झारखंड हाई कोर्ट ने खारिज कर दी है। अमन साहू पर Jhakhand Vidhan Sabha Chunav 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कोर्ट ने कहा कि अपराधी की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती। अमन साहू ने बड़कागांव से चुनाव में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा था। लेकिन अब हाईकोर्ट ने निराश कर दिया।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News: कुख्यात अपराधी अमन साहू बड़कागांव विधानसभा से चुनाव नहीं लड़ पाएगा। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने गुरुवार को चुनाव लड़ने के लिए सजा पर रोक लगाने की मांग वाली उसकी याचिका खारिज कर दी।
पीठ ने कहा कि अमन साहू के खिलाफ 120 से अधिक गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। पीठ ने अमन साहू के अधिवक्ता के उस दलील को नहीं माना, जिसमें ममता देवी के मामले में दिए गए आदेश को आधार बनाया गया था। पीठ ने कहा कि ममता देवी का मामला इससे बहुत भिन्न है।
ममता देवी पर मात्र दो ही मामले थे, जबकि प्रार्थी पर 120 संगीन मामले हैं। ऐसे में अपराधी अमन साहू की सजा पर रोक नहीं लगाई जा सकती है। प्रार्थी की ओर अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार की ओर से पक्ष रखा गया।
अमन साहू ने बड़कागांव से चुनाव में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा था
अमन साहू की ओर से बड़कागांव से चुनाव मैदान में उतरने के लिए नामांकन पत्र खरीदा गया था और हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी। आर्म्स एक्ट के मामले में रामगढ़ की निचली कोर्ट ने अमन साहू को मई 2018 में छह साल की सजा सुनाई थी। इस मामले में रामगढ़ के पतरातू थाना में प्राथमिकी की गई थी।
सजा के खिलाफ अमन साहू ने हाई कोर्ट में अपील दाखिल की है। इसी अपील में उसने चुनाव में उतरने को लेकर हस्तक्षेप याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि अमन साहू बड़कागांव से विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहता है।
उसकी सजा पर रोक लगाते हुए उसे चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान की जाए। इसके लिए रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी के केस का हवाला दिया गया था। अमन साहू को रामगढ़ के अलावे लातेहार के एक मामले में तीन साल की सजा मिली है। लातेहार के मामले में वह पूरी सजा काट चुका है।
इससे पहले बुधवार को बिलासपुर हाई कोर्ट से भी अमन साहू को नामांकन के लिए पुलिस कस्टडी में जाने की अनुमति नहीं मिली थी।
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