भद्रकाली मंदिर का होगा भू-भौतिकी सर्वेक्षण... पुरातात्विक अवशेषों से खुलेगा राज... विशेष मशीन से विशेषज्ञ करेंगे एक्सरे
Bhadrakali Temple Itkhori भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी संस्थान ने मां भद्रकाली मंदिर परिसर के सर्वेक्षण की इजाजत दे दी है। यहां जल्द ही खोदाई भी संभव है। केंद्र सरकार की इस पहल से इसके ऐतिहासिक महत्व को बल मिलेगा।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 05:23 PM (IST)
चतरा, (संजय शर्मा)। चतरा जिले के इटखोरी के ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर में मिले पुरातात्विक अवशेषों के काल पर से पर्दा हटेगा। पुरातात्विक महत्व को देश व दुनिया के मानचित्र पर लाने के लिए भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी संस्थान ने एक बड़ा प्रोजेक्ट तैयार किया है। प्रोजेक्ट के तहत इस पुरातात्विक स्थल का भू-भौतिकी सर्वेक्षण किया जाएगा। सर्वेक्षण की जिम्मेवारी आइआइटी आइएसएम धनबाद को सौंपी गई है।
विशेष मशीन से एक्सरे कर पता लगाएंगे विशेषज्ञमंदिर परिसर का भू भौतिकी सर्वेक्षण एक विशेष मशीन द्वारा एक्सरे के माध्यम से किया जाएगा। सर्वेक्षण के पश्चात मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्रों में आवश्यकता के अनुसार पुरातात्विक खोदाई भी होगी। आइआइटी आइएसएम धनबाद के अनुप्रयुक्त भू भौतिकी विभाग के प्रोफेसर डा. संजीत कुमार पाल ने बताया कि इटखोरी के ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर के पुरातात्विक महत्व को ध्यान में रखकर आइआइटी आइएसएम धनबाद विश्वविद्यालय के द्वारा भू भौतिकी सर्वेक्षण का एक प्रस्ताव भारत सरकार के डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी संस्थान को भेजा गया था।
भू भौतिकी सर्वेक्षण की की तैयारी शुरू उस प्रस्ताव को मंजूरी देकर डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी संस्थान ने प्रोजेक्ट तैयार करने के पश्चात मंदिर परिसर का भू भौतिकी सर्वेक्षण की मंजूरी प्रदान कर दी है। उन्होंने बताया कि भू भौतिकी सर्वेक्षण विशेषज्ञ प्रोफेसरों की टीम की देखरेख में किया जाएगा। जिसकी प्रक्रिया आइआइटी आइएसएम धनबाद विश्वविद्यालय द्वारा शुरू कर दी गई है। शीघ्र ही सर्वेक्षण का काम भी शीघ्र शुरू किया जाएगा। डा. संजीत पाल ने यह भी बताया है कि मंदिर परिसर का भू भौतिकी सर्वेक्षण का कार्य पूरा होने के पश्चात सर्वेक्षण की रिपोर्ट डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलाजी संस्थान को भेजी जाएगी। तत्पश्चात संस्थान के द्वारा आवश्यकता अनुसार स्थलों पर पुरातात्विक खुदाई का काम किया जाएगा।
एएसआइ भी कर चुका है पुरातात्विक खोदाई ऐतिहासिक मां भद्रकाली मंदिर परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग भी पुरातात्विक खोदाई कर चुका है। पुरातत्व विभाग के द्वारा मंदिर परिसर में वर्ष 2011-12 तथा 2012-13 में पुरातात्विक खोदाई का काम किया गया था। उस वक्त मंदिर परिसर से बड़ी संख्या में पुरातात्विक अवशेष, प्राचीन प्रतिमाएं व कलाकृतियां प्राप्त हुई थी। जो फिलहाल पुरातत्व विभाग के रांची कार्यालय में सुरक्षित रखी गई है।
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