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Jharkhand News: नहीं रहे महान शिक्षाविद डा. करमा उरांव, मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर जताया शोक

महान शिक्षाविद प्रसिद्ध मानवशास्त्री व रांची विवि सोशल साइंस के पूर्व डीन डा. करमा उरांव का 72 साल की उम्र में रविवार की सुबह सात बजे मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। सीएम सोरेन ने इस खबर पर शोक जताते हुए ट्वीट किया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Sun, 14 May 2023 01:45 PM (IST)
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प्रसिद्ध मानवशास्त्री व रांची विवि सोशल साइंस के पूर्व डीन डा. करमा उरांव का निधन।

जागरण संवाददाता, रांची। प्रसिद्ध मानवशास्त्री व रांची विवि सोशल साइंस के पूर्व डीन डा. करमा उरांव का 72 साल की उम्र में रविवार की सुबह सात बजे मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। उन्हें एक सप्ताह पूर्व किडनी की समस्या को लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां डायलिसिस चलने के दौरान अचानक उनका निधन हो गया।

सोमवार सुबह होगा अंतिम संस्‍कार

उनका जन्म गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के महुआ टोली गांव में हुआ था। उनके बड़े बेटे धर्मेश उरांव का 2021 में कोरोना से निधन हो गया था। वह रिलायंस से जुड़ हुए थे। दूसरे बेटे सन्नी उरांव धनबाद में नौकरी करते हैं। बड़ी बहू मुंबई में रहती हैं। वह आज शाम तक आ जाएंगी। बेटी व दामाद आयरलैंड में रहते हैं। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को सुबह नौ बजे रांची में ही किया जाएगा।

हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर जताया शोक

डा. करमा उरांव रांची विवि में मानवविज्ञान के विभागाध्यक्ष भी रहे। वह एकीकृत बिहार में लोक सेवा आयोग के सदस्य भी रह चुके थे। इसके साथ एक दर्जन सामाजिक संस्थाओं से भी जुड़े हुए थे। उनके निधन पर मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन ने गहरा शोक जताया है।

परमात्मा दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर शोकाकुल… pic.twitter.com/UZ3WZv1Jew— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) May 14, 2023

ट्वीट करते हुए सोरेन ने कहा है, महान शिक्षाविद तथा आदिवासी उत्‍थान के प्रति हमेशा सजग रहने और चिंतन करने वाले डा करमा उरांवजी के निधन का दुखद समाचार मिला। डा. करमा उरांव जी से कई विषयों पर मार्गदर्शन मिलता था। उनके निधन से आज मुझे व्‍यक्‍तिगत क्षति हुई है। परमात्‍मा दिवंगत आत्‍मा को शांति प्रदान करेें। साथ ही शोकाकुल परिवारजनोंको दुख की यह विकट घड़ी सहन करने की शक्‍ति दें।

बेटे के जाने के बाद से रहने लगे बीमार

डा. अजीत सहाय ने कहा कि बचपन से हम दोनों साथ पढ़े। साथ में पोस्ट ग्रेजुएट किए और साथ ही नौकरी भी की। करमा बहुत भावुक प्रकृति के थे। कोरोना महामारी ने उनके बड़े बेटे को छीन लिया। यह उनके ऊपर बड़ा आघात था। तब से ही वह थोड़ा बीमार रहने लगे थे। उन्होंने काफी पुस्तकें भी लिखीं और देश-विदेश का दौरा भी किया।

पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डा. दिनेश उरांव ने कहा कि उन्‍होंने हमें कालेज और पीजी में भी पढ़ाए था। वह झारखंड आंदोलन से भी जुड़े थे। झारखंड के सवाल पर वह मुखर थे। उन्होंने हमेशा राज्य हित में काम किया और लोगों को झारखंड के विकास के लिए जागरूक भी किया। डा. अभय सागर मिंज ने कहा, हमने एक सच्चा अभिभावक खो दिया है।

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