Hanuman Janmotsav 2022: रवि योग में हनुमान जन्मोत्सव, बुधादित्य योग में पूर्णिमा... इस पूजा विधि से मनवांछित फल मिलेगा
Hanuman Janmotsav 2022 श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में हुआ था। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sun, 17 Apr 2022 07:53 AM (IST)
रांची, जासं। Hanuman Janmotsav 2022 हनुमान जन्मोत्सव इस बार शनिवार को मनाई जाएगी। श्री राम भक्त हनुमान की आराधना के लिए यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। इस बार हनुमान जन्मोत्सव एक विशेष योग में भी मनाया जायेगा। ज्योतिष आचार्य प्रणव मिश्रा ने बताया कि श्रीराम भक्त हनुमान का जन्म चैत्र पूर्णिमा को मंगलवार के दिन चित्रा नक्षत्र और मेष लग्न के योग में हुआ था। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की विधि विधान से पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इस दिन श्री हनुमान जी की उपासना व्यक्ति को हर प्रकार के भय से मुक्ति दिलाकर सुरक्षा प्रदान करती है।
हनुमान जन्मोत्सव में पूजन का शुभ मुहूर्तचैत्र माह की पूर्णिमा तिथि शनिवार, 16 अप्रैल को रात्रि 02.25 बजे से प्रारंभ होकर रविवार, 17 अप्रैल को दोपहर 12.24 बजे पर समाप्त होगी। इस दिन हस्त और चित्रा नक्षत्र रहेगा। हनुमान जयंती पर सुबह 5.55 से लेकर 08.40 तक रवि वी योग भी रहेगा। रवि योग में भगवान की पूजा करना बड़ा ही मंगलकारी माना जाता है। इस समय आप किसी शुभ कार्य और शुभ कार्य की शुरुआत भी कर सकते हैं। हनुमान जी के पूजन के बाद हनुमान स्त्रोत का यह पाठ करना चाहिए।
मंत्र जाप
- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहं। दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम्।।
- सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं। रघुपतिप्रियभक्तं वातात्मजं नमामि।।
- यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृतमस्तकांजलिम। वाष्पवारिपरिपूर्णालोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम्।।
धन प्राप्ति के लिए हनुमान जन्मोत्सव पर यह उपाय करने से धन प्राप्ति के मार्ग मजबूत होता है। हनुमान जी पर जल चढ़ाने के बाद पंचामृत चढ़ाएं. तिल के तेल में नारंगी सिंदूर घोलकर चढ़ाएं. चमेली की खुश्बू या तेल चढ़ाएं। हनुमान जी को लाल पुष्प ही चढ़ाएं। आप गुड़ या गेहूं के आटा की रोटी का भोग लगाए साथ ही ''मंत्र श्री राम भक्ताय हनुमते नमः'' का जाप करें।शत्रु से छुटकारा के लिए
हनुमान जी को 11 पीपल के पत्तों पर पीले सिंदूर से राम-राम लिखकर चढ़ा दें। एक सूखे गोले को छेद करके उसमें शक्कर भरकर हनुमान जी को चढ़ाएं। हनुमान जी को 11 लडडू चढ़ाएं इससे शत्रुओं का नाश होगा।
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