Jharkhand News: मंजूनाथ भजंत्री की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, 13 फरवरी को हाई कोर्ट में बहस; पढ़ें क्या था पूरा मामला
मंजूनाथ भजंत्री की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं 13 फरवरी को इस मुद्दे पर हाई कोर्ट में बहस होगी। चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि मंजूनाथ भजंत्री ने मधुपुर उपचुनाव के दौरान दुर्भावना व राजनीति से प्रेरित होकर सांसद निशिकांत दुबे के विरुद्ध पांच प्राथमिकी कराई थी इसलिए इनपर विभागीय कार्रवाई करते हुए इन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में देवघर के तत्कालीन डीसी (वर्तमान में जमशेदपुर के डीसी) मंजूनाथ भजंत्री के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने एवं चुनावी कार्यों से अलग रखने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। अदालत ने भजंत्री की याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर बहस करने के लिए 13 फरवरी की तिथि निर्धारित की है।
भजंत्री को पद से हटाया जाए: चुनाव आयोग
सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की ओर से बताया गया है कि मंजूनाथ भजंत्री ने मधुपुर उपचुनाव के दौरान दुर्भावना व राजनीति से प्रेरित होकर सांसद निशिकांत दुबे के विरुद्ध पांच प्राथमिकी कराई थी।
इसलिए इनपर विभागीय कार्रवाई करते हुए इन्हें चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखा जाए। चुनाव आयोग ने छह दिसंबर 2021 को झारखंड के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर मंजूनाथ भजंत्री को पद से हटाने और चुनावी कार्य में नहीं लगाने का आदेश दिया था।
याचिका में आयोग के आदेश को निरस्त करने की मांग
आयोग ने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे के विरुद्ध छह माह विलंब से आदर्श आचार संहिता का मामला दर्ज करने पर जवाब मांगा था, संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को मंजूनाथ को उपायुक्त पद से हटाने का आदेश दिया था।
इसके खिलाफ मंजूनाथ भजंत्री ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में चुनाव आयोग के आदेश को निरस्त करने की मांग की गई है। कहा गया है कि चुनाव आयोग को राज्य सरकार के अधिकारी के विरुद्ध इस तरह का आदेश जारी करने का कोई अधिकार नहीं है।
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