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Jharkhand News: झारखंड हाईकोर्ट में ट्रैफिक व्यवस्था पर हुई सुनवाई, अदालत ने राज्य सरकार से पूछे ये सवाल

झारखंड हाई कोर्ट में रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर सुनवाई हुई और इस सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार से कई सवाल पूछे। इसके अलावा कोर्टड ने इस संबध में सरकार से कहा सिर्फ शपथ पत्र दाखिल करने से काम नहीं चलेगा। इसमें लिखी गई बातों को धरातल पर उतारना होगा। वहीं इस मामले की अगली सुनवाई आने वाली 27 जून को होगी।

By Manoj Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 25 Jun 2024 10:49 PM (IST)
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झारखंड हाईकोर्ट में रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था पर दाखिल हुई याचिका पर हुई सुनवाई (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ में रांची में लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि सिर्फ शपथ पत्र दाखिल करने से काम नहीं चलेगा।

उसमें लिखी गई बातों को धरातल पर उतारना होगा अदालत ने कहा कि पूर्व में जब सरकार ने कहा कि 15 जून से 600 होमगार्ड के जवानों को ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने के लिए लगाया जाएगा, तो अभी तक उन्हें लगाया क्यों नहीं है। अगर उन्हें लगाया गया है तो कहां-कहा उनकी प्रतिनियुक्ति की गई है।

27 जून को होगी अगली सुनवाई

रांची में 900 ई-रिक्शा को चलने का परमिट दिया गया, तो शहर में साढ़े चार हजार ई-रिक्शा कैसे चल रहे हैं। अदालत इनका ब्योरा सरकार से मांगा है। अगली सुनवाई 27 जून को होगी। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि अगर अदालत

सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं होती है, तो गृह सचिव, डीजीपी और ट्रैफिक एसपी को कोर्ट में तलब किया जा सकता है। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से अधिवक्ता गौरव राज ने अदालत को बताया कि होमगार्ड जवानों को ट्रैफिक नियमों की ट्रेनिंग देने के बाद सड़क पर ड्यूटी दी जा रही है।

अदालत ने इस बात पर जताया आश्चर्य

कुछ लोगों को ट्रैफिक के काम में लगाया गया है। अदालत ने इस बात पर आश्चर्य जताया और कहा कि रांची शहर में ट्रैफिक व्यवस्था में 600 ट्रैफिक पुलिस कर्मी लगे है, ऐसा कहीं दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।

अदालत ने इस बात पर भी कड़ी नाराजगी जताई कि जब मात्र 900 ई-रिक्शा को परमिट मिला है और शहर में साढ़े चार हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चल रहे हैं। रांची में ट्रैफिक लाइट कई जगहों पर खराब है, ट्रैफिक जाम की अभी भी वही स्थिति है। ट्रैफिक पुलिस कर्मी कड़ी धूप में खड़े रहते हैं उनके लिए ट्रैफिक पोस्ट की व्यवस्था नहीं है।

ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर रहने की उम्मीद कैसे की जा सकती है। ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर कोर्ट जब भी आदेश देता है तो आनन-फानन में दो-तीन दिनों तक ट्रैफिक कंट्रोल की पहल होती है। लेकिन फिर एक सप्ताह के बाद स्थिति पुरानी जैसी हो जाती है।

'शपथ पत्र से काम नहीं चलेगा'

अदालत ने कहा कि अब शपथ पत्र से काम नहीं चलेगा। शपथ पत्र में लिखी गई बातों को जमीन पर नहीं उतारा जाता है। शपथ पत्र में ट्रैफिक व्यवस्था सुदृढ़ करने के लिए कहीं बातें बेईमानी हो चुकी है।

बता दें कि पूर्व की सुनवाई में सरकार की ओर से अदालत को बताया गया था कि 15 जून के बाद रांची शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू बनाए रखने के लिए 600 होमगार्ड लगाए जाएंगे। होमगार्ड के जवान पूर्व में ट्रैफिक व्यवस्था में लगे पुलिस कर्मियों के अतिरिक्त होंगे।

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