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Hemant Soren की गिरफ्तारी पर चढ़ा सियासी पारा, आपस में भिड़े भाजपा के सांसद-विधायक; एक दूसरे को दे डाली नसीहत

Jharkhand Politics पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी और चंपई सरकार के गठन के बाद भाजपा नेता आपस में ही उलझे नजर आ रहे हैं। सांसद और विधायक के बीच सोशल मीडिया पर जंग छिड़ गई है। वार-पलटवार का भी दौर शुरू हो गया है। राजधानी में सियासी तापमान चढ़ा है तो संताल परगना में भी इसकी तपिश महसूस की जा रही है।

By Jagran News Edited By: Mukul KumarUpdated: Thu, 08 Feb 2024 02:22 PM (IST)
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झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics भारतीय जनता पार्टी के नेता पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) की गिरफ्तारी और चंपई सरकार के गठन के बाद आपस में ही उलझे नजर आ रहे हैं। इससे राजधानी में सियासी तापमान चढ़ा है तो संताल परगना में भी इसकी तपिश महसूस की जा रही है।

इसकी शुरुआत सारठ से भाजपा (BJP) विधायक रणधीर कुमार सिंह द्वारा सांसद निशिकांत दूबे (Nishikant Dubey) के इंटरनेट मीडिया पोस्ट को गैर जरूरी बताने से हुई। अब निशिकांत दूबे ने एक्स पर फिर से एक पोस्ट कर इस विवाद को हवा दे दी है।

पक्ष-विपक्ष के लोग उनके पोस्ट को संभालकर रख लें- निशिकांत

रणधीर सिंह ने कहा था कि झामुमो (JMM) में असंतोष और बिखराव वाली निशिकांत की टिप्पणी से भाजपा को नुकसान हो रहा है। इसके जवाब में निशिकांत दूबे ने एक्स पर लिखा है कि पक्ष-विपक्ष के लोग उनके पोस्ट को संभालकर रख लें। उनकी कही बात सच होगी।

साथ ही उन्होंने लिखा है कि किसी को कुछ नहीं मिलेगा। संताल परगना के इन दो नेताओं की यह बयानबाजी पार्टी फोरम पर चर्चा का विषय बनी हुई है। विधानसभा चुनाव की चिंता में बताए जा रहे विधायकसंताल परगना के भाजपा नेता और विधायक हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद आदिवासी वोटों में नाराजगी को लेकर चिंतित हैं।

निशिकांत दूबे लगातार शिबू सोरेन परिवार को लेकर हमलावर

रणधीर सिंह के अपने विधानसभा क्षेत्र सारठ में संताल आदिवासियों की बड़ी संख्या है। झामुमो के बारे में दिए गए ऐसे बयान संताल समाज में आक्रोश बढ़ा सकते हैं। संभव है कि रणधीर सिंह ने इस चिंता में सांसद के बयान पर आपत्ति जताई हो।

निशिकांत दूबे लगातार शिबू सोरेन परिवार को लेकर हमलावर रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले हुए विवाद पर संगठन की नजरजानकारी के अनुसार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी इस मामले को आगे बढ़ने से रोकने में लगे हैं।

रणधीर सिंह सबसे पहले जेवीएम से विधायक बने थे। बाद में वे भाजपा में शामिल हो गए थे। प्रदेश अध्यक्ष ने सभी पक्षों को आपसी विवाद से बचने और इस मामले में किसी तरह की बयानबाजी नहीं करने का निर्देश दिया है।

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