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Jharkhand News: 15 नवंबर तक नए कलेवर में दिखेंगे सरकारी स्कूल, सभी बच्चे होंगे नई पोशाक में

Hemant Soren News सभी जिलों में 15 अक्टूबर तक सहायक अध्यापकों के प्रमाणपत्रों के सत्यापन के निर्देश। शिक्षा सचिव ने आरटीई के तहत निर्धारित शत-प्रतिशत सीटों पर नामांकन सुनिश्चित करने का दिया आदेश। योजनाओं में लापरवाही बरतनेवाले पदाधिकारियों का रोका जाएगा वेतन।

By M EkhlaqueEdited By: Published: Wed, 21 Sep 2022 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 21 Sep 2022 10:56 PM (IST)
Jharkhand Foundation Day: झारखंड के सरकारी स्कूल दिखेंगे नए लुक में।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Government Schools झारखंड स्थापना दिवस अर्थात 15 नवंबर से पहले राज्य सरकार के सभी स्कूल नए कलेवर में दिखेंगे। शिक्षा सचिव राजेश शर्मा ने इस तिथि से पहले सभी स्कूलों के रंगरोगन व जीर्णोद्धार का कार्य पूरा करने के निर्देश सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को दिए हैं। यह कार्य विद्यालय अनुदान से किए जाने हैं। सभी स्कूलों को हरा रंग में रंग-रोगन के पहले ही निर्देश सभी जिलों को दे दिए गए हैं। शिक्षा सचिव ने बुधवार को हुई समीक्षा बैठक में सभी बच्चों को शीघ्र पोशाक उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि 15 नवंबर तक सभी बच्चों के पास नई पोशाक होनी चाहिए।

निजी स्कूलों में नामांकन सुनिश्चित करें अधिकारी

शिक्षा सचिव ने आरटीई के तहत निजी स्कूलों में निर्धारित शत-प्रतिशत सीटों पर नामांकन सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए। जिन स्कूलों द्वारा इसमें लापरवाही बरती जाती है तो उनके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई करने को भी कहा। बैठक में सभी सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) के प्रमाणपत्रों के सत्यापन का कार्य हर हाल में 15 अक्टूबर तक सुनिश्चित कराने के निर्देश देते हुए कहा गया कि इसमें लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों का वेतन रोका जाए। सचिव ने शत-प्रतिशत बच्चों का बैंक एकाउंट भी अभियान चलाकर शीघ्र खोलने को कहा ताकि बच्चे योजनाओं के लाभ से वंचित न हों। बैठक में यह बात सामने आई कि अभी भी लगभग 40 प्रतिशत बच्चों का एकाउंट नहीं खुल पाया है।

माता-पिता खोनेवाले बच्चों की बाधित नहीं हो पढ़ाई

शिक्षा सचिव ने स्कूल से बाहर रह रहे चिह्नित बच्चों का विशेष प्रशिक्षण भी शीघ्र देने के निर्देश दिए ताकि उनकी छुट्टी हुई पढ़ाई भरपाई हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि वैसे बच्चे जो कोरोना के कारण अपने माता या पिता या दोनाें को खो चुके हैं, उनकी पढ़ाई बाधित नहीं होनी चाहिए। उनकी पढ़ाई उसी स्कूल में जारी रहेगी जहां वे पहले से पढ़ रहे थे। यदि संबंधित कोई बच्चा निजी स्कूल में पढ़ रहा था तो उसकी क्षतिपूर्ति राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।


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