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Hemant Soren: हेमंत सोरेन के भाई दुर्गा सोरेन की कैसे हुई मौत? भाजपा सरकार बनते ही होगी जांच, भाजपा सांसद का बड़ी घोषणा

Hemant Soren News झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के सांसद डा निशिकांत दुबे ने आज सोमवार को बड़ा धमाका किया है। दावा किया है कि झारखंड में भाजपा की सरकार बनेगी। नया सवेरा होगा और दुर्गा सोरेन समेत कई झामुमो नेताओं की मौत की जांच होगी।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Mon, 25 Jul 2022 05:33 PM (IST)
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Hemant Soren vs Nishikant Dubey: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और सांसद निशिकांत दुबे।
रांची, डिजिटल डेस्क। भाजपा सांसद डा निशिकांत दुबे ने कहा है कि झारखंड में इस बार भाजपा की सरकार बनते ही, दुर्गा सोरेन, सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी महतो के मृत्यु किन कारणों से हुई उसकी जांच कराई जाएगी। इतना ही नहीं झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम के साथ न्याय किया जाएगा। साइमन मरांडी, एके राय और रामदयाल मुंडा जैसे नेताओं को सम्मान दिया जाएगा। झारखंड का नया सवेरा होगा। मालूम हो कि निशिकांत दुबे ने जिन नेताओं की मौत की जांच की बात कही है, वे सभी झामुमो के दिग्गज नेता रह चुके हैं। झारखंड अगल राज्य गठन में इन नेताओं की अहम भूमिका रही है। दुर्गा सोरेन तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई थे। इनकी पत्नी सीता सोरेन इस समय झामुमो से विधायक हैं।

दुर्गा सोरेन की पत्नी हैं विधायक सीता सोरेन

कुछ माह पहले विधायक सीता सोरेन ने झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से राजभवन जाकर मुलाकात की थी। इसके बाद मीडिया में यह खबर आई कि वह हेमंत सोरेन सरकार से नाराज चल रही हैं। इस घटना कुछ दिनों बाद उनकी पुत्री ने दुर्गा सोरेन सेना नामक संगठन के विस्तार की घोषणा कर रांची में एक सम्मेलन का आयोजन कर दिया था। हालांकि, सीता सोरेन ने अभी तक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ खुलकर कोई बयान नहीं दिया है। झारखंड की राजनीति में यह माना जाता है कि सीता सोरेन अपनी ही सरकार के नेतृत्व से खुश नहीं रहती हैं।

हेमंत का विरोध कर चुके हें लोबिन हेम्ब्रम

सांसद डा निशिकांत दुबे ने अपने बयान में झामुमो विधायक लोबिन हेम्ब्रम को न्याय देने की बात कही है। लोबिन हेम्ब्रम कुछ माह पहले हेमंत सोरेन सरकार से नाराज हो गए थे। न केवल झारखंड विधानसभा के भीतर बल्कि सड़क पर भी उन्होंने मोर्चा खोल दिया था। दिशोम गुरु शिबू सोरेन के बेहद खास माने जाने वाले लोबिन हेम्ब्रम का आरोप रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार नई शराब नीति के जरिए आदिवासियों की जिंदगी खराब कर रही है। उन्होंने झारखंड में बिहार की तर्ज पर शराबबंदी लागू करने की मांग की थी। उनका कहना था कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने अपनी पूरी जिंदगी आदिवासियों को बेहतर बनाने और शराब छुड़ाने में गुजार दी। ऐसे में झारखंड में शराब बेचने की नई नीति लागू कर हेमंत साेरेन गलत कर रहे हैं। लोबिन हेम्ब्रम की जब सरकार ने कोई बात नहीं सुनी तो वह जिलों में जनसभाएं करने लगे। कई जिलों में उनका आंदोलन शुरू हो गया था। इसी बीच हेमंत सोरेन के खनन लीज आवंटन मामले में फंसने के बाद वह शांत हो गए।

झामुमो के दिग्गज नेता रहे हैं ये तीन लोग

सुनील महतो, निर्मल महतो और विनोद बिहारी भी झारखंड के दिग्गज नेताओं में से एक रहे हैं। झामुमो को झारखंड में धार देने में इन नेताओं की अहम भूमिका रही है। शिबू सोरेन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर इन तीनों नेताओं ने झारखंड आंदोलन को खड़ा किया था। उसी आंदोलन के कारण अंतत: झारखंड अगल राज्य बना। झामुमो के हर कार्यक्रम में इन नेताओं को आज भी शिद्दत से कार्यकर्ता याद करते हैं। अर्से बाद इन नेताओं की मौत की जांच की बात कहकर भाजपा सांसद ने किस ओर इशारा किया है, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। हालांकि अभी तक इस पर झामुमो की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

झामुमो ने बदल दी अपनी प्रोफाइल फोटो

डा निशिकांत दुबे ने झामुमो की सोशल साइट पर फोटो बदले जाने पर भी निशाना साधा है। भाजपा सांसद ने कहा- JMM द्वारा आज का ट्रेंड- “हेमंत नहीं तो कौन?” अरे भगवान भाजपा को कोई भी साधारण कार्यकर्ता भी हेमंत सोरेन से बेहतर मुख्यमंत्री होगा। परिवारवाद से ग्रस्त पार्टी, दुर्गा सोरेन की असामयिक मृत्यु से बने नेता, जिसने गुरुजी शिबू सोरेन के संघर्ष को नहीं देखा, उसका भगवान ही मालिक है। बहादुर शाह जफर। मालूम हो कि झामुमो की जिला इकाइयों ने रविवार को टविटर पर प्रोफाइल फोटो बदल दिया था। हेमंत सोरेन की नई तस्वीर के साथ लिखा था- हेमंत नहीं तो कौन? इसके बाद झारखंड की राजनीति में तरह तरह की अटकलें लगाई जाने लगीं। जब भाजपा नेताओं ने इस पर टिप्पणी शुरू की तो झामुमो नेतृत्व के आदेश पर सभी जिलों ने प्रोफाइल फोटो बदल दिया।

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