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Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन के करीबी ने चंपई को बताया 'विभीषण', कहा- सरकार को तोड़ने की कोशिश की

हेमंत सोरेन के करीबी और मंत्री बन्ना गुप्ता ने चंपई सोरेन को विभीषण बताया है। बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब हेमंत सोरेन जेल में थे तो चंपई सोरेन भाजपा के साथ साठगांठ में जुट गए थे। उन्होंने कहा कि अब समय रहते जब चीजें सामने आ गई तो चंपई सोरेन इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर रहें है जबकि हकीकत हैं कि वे अपनी करनी पर पछतावा कर रहें है।

By Pradeep singh Edited By: Rajat Mourya Updated: Mon, 19 Aug 2024 08:25 PM (IST)
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चंपई सोरेन और हेमंत सोरन। (फाइल फोटो- PTI)

राज्य ब्यूरो, रांची। Champai Soren News राज्य सरकार के मंत्री बन्ना गुप्ता की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन अपने कार्यकाल के दौरान भाजपा के साथ साठगांठ में जुटे थे। अभी भी वे हेमंत सरकार को अस्थिर करने की साजिश रच रहे थे। जब हेमंत सोरेन को जेल से रिहा किया जा रहा था तो वे कैबिनेट की बैठक में निर्णय लेने में व्यस्त थे। उक्त बैठक में मौजूद मंत्रियों ने उनका विरोध किया।

उन्होंने कहा कि चंपई अपने कार्यकाल में दूसरे विभागों के निर्णय भी स्वयं लेते थे। झारखंड का इतिहास जब भी लिखा जाएगा, चंपई सोरेन का नाम विभीषण के रूप में दर्ज होगा। जिस पार्टी और माटी ने उनको सबकुछ दिया, उसको ठुकरा कर और अपने आत्मसम्मान को गिरवी रखकर वे सरकार को तोड़ने का कार्य कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि समय रहते जब चीजें सामने आ गई तो वे इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर रहें हैं। हकीकत है कि वे अपनी करनी पर पछतावा कर मुंह छुपा रहे हैं।

मौकापरस्त हैं चंपई, गुरुजी ने दी पहचान

बन्ना गुप्ता ने प्रहार करते हुए कहा कि गुरुजी (शिबू सोरेन) ने एक साधारण व्यक्ति को जमशेदपुर से निकाल कर पहचान दी। मुख्यमंत्री बनाया। बदले में चंपई ने राज्य को मौकापरस्ती के दलदल में झोंकना चाहा। हेमंत सोरेन जब जेल जाने लगे तो उन्होंने सभी सत्तापक्ष के विधायकों से चंपई सोरेन को मुख्यमंत्री बनाने की बात कही तो सभी ने बात को माना।

बन्ना गुप्ता ने कहा कि जब खुद मुख्यमंत्री बनने की बात थी तो वो निर्णय बुरा और प्रोटोकाल के विरुद्ध नहीं लगा। तानाशाही याद नहीं आई। हर विभाग में उनका हस्तक्षेप था। हर मंत्रालय में वे खुद निर्णय लेने लगे थे, तब उनको नेतृत्व में तानाशाही महसूस नहीं हुआ था।

भाजपा नेताओं के साथ सेटिंग कर रहे थे, बाबूलाल कर रहे विरोध

बन्ना गुप्ता के मुताबिक जब पार्टी और गठबंधन बुरे दौर से गुजर रहा था तो चम्पाई भाजपा नेताओं से अपनी सेटिंग बैठा रहे थे। केंद्र सरकार की कानून बदलने वाली योजना को हर अखबार के प्रमुख पन्नों में अपनी फोटो के साथ छपवाकर कौन सा गठबंधन धर्म निभा रहें थे? जबकि गठबंधन देश में इसका विरोध कर रहा था। चम्पाई भाजपा नेतृत्व को खुश करने में लगे हुए थे।

बन्ना ने दावा किया कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में चंपई सोरेन की ज्वाइनिंग का विरोध कर रहें हैं तो ये हरिश्चन्द्र बनने चले हैं। कोलकाता होते हुए दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर कहा कि हम जहां हैं, वही हैं मतलब जेएमएम में हैं। जब भाजपा नेतृत्व में ठुकरा दिया तो इंटरनेट मीडिया पर इमोशनल बयान चलवा दिया।

जाते-जाते कर रहे थे ट्रांसफर-पोस्टिंग

बन्ना गुप्ता ने आरोप लगाया कि चंपई अंतिम समय में भी ट्रांसफर-पोस्टिंग में लगे थे। अनुकंपा पर मिली कुर्सी अपनी लगने लगी थी और मोह नहीं छूट पा रहा था। हेमंत सोरेन सीएम बने तो आप फिर मंत्री बनने की जिद करने लगे। चंपई के कारण हेमंत सोरेन ने अपने सगे भाई बसंत सोरेन की कुर्बानी दी। चंपई के कारण रामदास सोरेन, दशरथ गगराई जैसे लोगों को मौका नहीं मिला।

'वर्तमान सरकार का कार्यकाल रावण राज के समान'

भारतीय जनता पार्टी ने मंत्री बन्ना गुप्ता के द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को विभीषण कहने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि बन्ना गुप्ता अगर पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को विभीषण बता रहे हैं तो यह स्पष्ट हो गया कि वर्तमान सरकार का कार्यकाल रावण राज के समान है।

प्रतुल ने कहा कि बन्ना गुप्ता ने सच्चाई बताते हुए वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार की तुलना रावण राज से कर दी है। प्रतुल ने कहा चाटुकारिता में बन्ना गुप्ता शब्दों की मर्यादा को भूल गए और कोल्हान के एक जमीन से जुड़े कद्दावर आदिवासी नेता का अपमान कर रहे हैं।

प्रतुल ने कहा कि इस रावण राज के खात्मे के लिए और धर्म की रक्षा करने के लिए अगर कोई सिस्टम पर प्रश्न खड़ा करता है जैसा चंपई सोरेन ने किया तो उनको बन्ना गुप्ता जैसे लोगों द्वारा टारगेट करवाया जाता है। प्रतुल ने कहा कि झारखंड में सिर्फ सत्ता के लोभ में रावण राज के सारे कुकर्मों को कांग्रेस पार्टी नजरंदाज कर रही है।

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