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Hemant Soren: 'विवादित जमीन हेमंत सोरेन की...', ED ने PMLA कोर्ट में किया दावा; इस पूर्व अधिकारी से जोड़ा कनेक्शन

हेमंत सोरेन को ईडी ने आज रिमांड खत्म होने के बाद पीएमएलए कोर्ट में पेश किया। ईडी की टीम ने जांच अधूरा रहने विधानसभा सत्र में हेमंत को उपस्थित कराने की व्यस्तता का हवाला देकर कोर्ट से और सात दिनों तक पूछताछ के लिए रिमांड मांगी। कोर्ट ने ईडी के रिमांड पर सुनवाई के बाद पांच दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 07 Feb 2024 08:32 PM (IST)
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Hemant Soren: 'विवादित जमीन हेमंत सोरेन की...', ED ने PMLA कोर्ट में किया दावा; इस पूर्व अधिकारी से जोड़ा कनेक्शन
राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाले के आरोपों में गिरफ्तार पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने बुधवार को पांच दिनों की रिमांड पूरी होने पर रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने जांच अधूरा रहने, विधानसभा सत्र में हेमंत सोरेन को उपस्थित कराने की व्यस्तता का हवाला देते हुए और सात दिनों तक पूछताछ के लिए कोर्ट से रिमांड मांगी। कोर्ट ने ईडी के रिमांड आवेदन पर सुनवाई के बाद और पांच दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी है।

ईडी ने रिमांड आवेदन में बताया है कि बड़गाईं अंचल स्थित बरियातू की प्रतिबंधित श्रेणी की जिस 8.5 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कब्जे की कोशिश मामले में हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया है, उसपर हेमंत सोरेन का कब्जा था। इसकी पुष्टि हो चुकी है। पिछले वर्ष 20 अप्रैल को ईडी ने बड़गाईं अंचलाधिकारी, राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, सर्किल अमीन व अन्य की उपस्थिति में उक्त जमीन का सर्वे किया था।

सबने ईडी को बताया कि उक्त जमीन हेमंत सोरेन की है। जमीन पर पक्का दीवार बना हुआ था। ईडी के मुताबिक केयरटेकर संतोष मुंडा ने बताया कि दो-तीन बार हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी कल्पना सोरेन उक्त जमीन पर आ चुके हैं।

भानु प्रताप जमीन पर कब्जा करने वालों को सहयोग करता था- ED

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि भानु प्रताप प्रसाद हेमंत सोरेन के साथ मिलकर बड़गाईं अंचल की 8.5 एकड़ जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने में सहयोगी था। इसकी पुष्टि उसके मोबाइल से बरामद दस्तावेज से हुई, जिसका भौतिक सत्यापन भी करवाया जा चुका है। भानु प्रताप प्रसाद ने उन सभी रजिस्टर, पंजी टू को अपने आवास में इसलिए छुपाया ताकि उस रजिस्टर में छेड़छाड़ किया जा सके।

भानु प्रताप प्रसाद जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को सहयोग भी करता था। भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद दस्तावेज से यह साबित हुआ है कि उक्त जमीन का भी जाली कागजात बनाकर हेमंत सोरेन के नाम पर उक्त जमीन को स्थानांतरित करने व मालिकाना हक दिलाने की कोशिश हो रही थी।

हेमंत ने भानु प्रताप को मूल दस्तावेज को छुपाने में सहयोग किया- ED

ईडी ने बताया कि हेमंत सोरेन ने भानु प्रताप प्रसाद को मूल दस्तावेज को छुपाने में सहयोग किया, ताकि उक्त विवादित जमीन को अपने नाम से करा सकें। रिमांड के दौरान हेमंत सोरेन ने ईडी कार्यालय में उपलब्ध दस्तावेज का सामना किया। उन्होंने ईडी को पूछताछ में असहयोग किया और कब्जा की गई संपत्ति से संबंधित तथ्य से भी खुद को अनभिज्ञ बताया।

अनुसंधान के दौरान हेमंत सोरेन से अपना मोबाइल जमा करने के लिए कहा गया ताकि उनके व विनोद सिंह के बीच बातचीत को निकाला जा सके, लेकिन उन्होंने अपना मोबाइल जमा करने से मना किया।

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