Hemant Soren Case: '...बेनामी संपत्ति हड़पना चाहते थे हेमंत सोरेन', रिमांड आवेदन में ED ने कोर्ट को क्या-क्या बताया?
Hemant Soren Case Update ईडी ने कोर्ट में प्रस्तुत रिमांड आवेदन में बताया है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के जरिये हेमंत सोरेन बेनामी संपत्ति हड़पने की कोशिश में थे। वे मूल दस्तावेज में हेराफेरी करवा रहे थे। जमीन घोटाले में भानु प्रताप प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद उनके ठिकाने से बरामद दस्तावेजों में इसकी पुष्टि हुई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Hemant Soren ED Case Update रांची में जमीन घोटाला मामले में एक दिन पहले गिरफ्तार हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने गुरुवार को ईडी की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट में आवेदन देकर हेमंत सोरेन से पूछताछ के लिए 10 दिनों की रिमांड देने का आग्रह किया। अदालत ने फिलहाल हेमंत सोरेन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, रिमांड आवेदन पर सुनवाई शुक्रवार को होगी।
ईडी ने कोर्ट में प्रस्तुत रिमांड आवेदन में बताया है कि बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के जरिये हेमंत सोरेन बेनामी संपत्ति हड़पने की कोशिश में थे। वे मूल दस्तावेज में हेराफेरी करवा रहे थे। जमीन घोटाले में भानु प्रताप प्रसाद की गिरफ्तारी के बाद उनके ठिकाने से बरामद दस्तावेजों में इसकी पुष्टि हुई है।जमीन हस्तांतरण मामले में ईडी ने 14 अप्रैल 2023 को भानु प्रताप प्रसाद को छह अन्य साथियों के साथ गिरफ्तार किया था। इसके बाद ईडी ने जालसाजी का पूरा कच्चा चिट्ठा खोला और इससे मुख्य सचिव को अवगत कराया। इसके बाद ही सदर थाने में एक जून 2023 को भानु प्रताप प्रसाद पर प्राथमिकी दर्ज हुई थी।
भानु प्रताप के मोबाइल से मिली अहम जानकारी
ईडी ने कोर्ट को बताया है कि राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद अन्य लोगों के साथ मिलकर अवैध तरीके से जमीन अधिग्रहण व कब्जा में सक्रिय था। उनमें हेमंत सोरेन भी शामिल थे, इसकी जानकारी भानु प्रताप प्रसाद के मोबाइल से बरामद दस्तावेज में मिली। उक्त मोबाइल से नकदी लेन-देने से संबंधित अधिकतर चैट व सूचनाएं, जमीन अधिग्रहण का जिक्र था।
इसके अतिरिक्त हेमंत सोरेन के माध्यम से अवैध तरीके से अधिग्रहित जमीन की सूची से संबंधित एक फोटो भी मिला। उक्त जमीन 8.5 एकड़ है। भानु प्रताप प्रसाद ने सीएमओ के निर्देश पर अंचलाधिकारी के आदेश के बाद उक्त जमीन का भौतिक सत्यापन भी किया था।
इस पूरे प्रकरण में पूछताछ के लिए हेमंत सोरेन को कई समन भेजे गए, लेकिन अधिकतर समय वे ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए। उन्होंने जानबूझकर अनुसंधान की अवहेलना की। उन्हें 31 जनवरी की शाम पांच बजे गिरफ्तार करने संबंधित सूचना दी गई, लेकिन उन्होंने राज्यपाल को त्यागपत्र देने से पहले उक्त सूचना को मानने से इंकार कर दिया। चल रही पूछताछ को छोड़कर बिना अनुमति के ही वे राजभवन चले गए। इसके कारण उन्हें रात के दस बजे गिरफ्तारी आदेश, गिरफ्तारी का कारण व मेमो आदि दिया गया।
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