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Hemant Soren: 'मुझे अंधेरे बेसमेंट में...', ED कस्टडी में कैसे कट रही जिंदगी; हेमंत सोरेन ने कोर्ट में बयां किया दर्द

हेमंत सोरेन की रिमांड खत्म होने के बाद आज पीएमएलए कोर्ट में पेश किया गया। इस दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोर्ट को बताया कि रिमांड पर पूछताछ के दौरान उन्हें ईडी के अधिकारी एक बेसमेंट में रखते हैं जहां कोई खिड़की नहीं है। रोशनदान अथवा पाइप के सहारे ऑक्सीजन दिया जा रहा है। उन्हें कोर्ट से फिर से पांच दिनों की ईडी कस्टडी में भेजा है।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 07 Feb 2024 09:39 PM (IST)
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Hemant Soren: 'मुझे अंधेरे बेसमेंट में...', ED कस्टडी में कैसे कट रही जिंदगी;
राज्य ब्यूरो, रांची। पीएमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोर्ट को बताया कि रिमांड पर पूछताछ के दौरान उन्हें ईडी के अधिकारी एक बेसमेंट में रखते हैं, जहां कोई खिड़की नहीं है। रोशनदान अथवा पाइप के सहारे ऑक्सीजन दिया जा रहा है।

इसका जिक्र करते हुए उनके अधिवक्ता प्रदीप चंद्रा ने कहा कि ईडी की ओर से पूछताछ के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री को अच्छी व्यवस्था नहीं दी जा रही है। जिस केस में उन्हें रिमांड पर लिया गया है, उस केस में कोई भी साक्ष्य नहीं है और न हीं ईडी अभी तक कोई साक्ष्य जुटा पाई है। ईडी जिस चैट का जिक्र कर रही है, वह वर्ष 2020 का है।

इस मामले से इस चैट का कोई संबंध नहीं है। इसके अलावा जमीन से संबंधित मामले में ईडी पूर्व में ही सीएम से लगातार आठ घंटे पूछताछ कर चुकी है। ऐसे में अब रिमांड पर देने का कोई औचित्य नहीं बनता है। हालांकि, अदालत ने ईडी की दलीलों को स्वीकार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को फिर से पांच दिन की रिमांड पर पूछताछ के लिए अनुमति दे दी है।

झामुमो कार्यकर्ताओं ने लगाए नारे, कोर्ट ने जताई नाराजगी

हेमंत सोरेन को बुधवार दोपहर 1.50 बजे पीएमएलए कोर्ट लाया गया। उस वक्त कोर्ट के बाहर सैकड़ों की संख्या में मौजूद झामुमो के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। वे हेमंत सोरेन जिंदाबाद, जेल का ताला टूटेगा, हेमंत सोरेन छूटेगा, हेमंत सोरेन मत घबराना, हम तुम्हारे साथ हैं का नारा लगा रहे थे।

वे तब तक नारेबाजी करते रहे, जब तक हेमंत सोरेन ईडी की गाड़ी से उतरकर कोर्ट के भीतर पहुंच नहीं गए। कोर्ट की कार्यवाही के बाद जब वे बाहर निकले, तब भी उनके समर्थकों ने नारेबाजी की।

इधर, परिसर में हुई नारेबाजी पर अदालत ने नाराजगी प्रकट की। कोर्ट ने पहले ही रजिस्ट्रार के माध्यम से नारेबाजी पर रोक लगाने का निर्देश दे रखा था। इसके बाद भी कोर्ट परिसर में हुई नारेबाजी को कोर्ट ने गंभीरता से लिया है।

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