'परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप झूठा', हेमंत सोरेन का विपक्ष को करारा जवाब, CM ने बताया बदनाम करने की कोशिश
Hemant Soren झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने राजधानी रांची में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह के दौरान कहा कि हाल ही में आयोजित की गई स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप झूठे हैं। उन्होंने कहा कि वे लोग (विपक्ष) प्रदेश की सरकार पर कालिख पोतने में लगे हुए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में गड़बड़ी के झूठे आरोप लगाकर कुछ लोग राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश में जुटे हैं। रोज इसमें मीडिया ट्रायल हो रहा है। उनका इशारा विपक्ष की ओर था।
उन्होंने कहा कि वास्तविकता का उन्हें अता-पता नहीं हैं और झूठे आरोप लगाने में लगे हैं। राज्य में न केवल सभी नियुक्तियों, बल्कि नियुक्ति के बाद पदस्थापन में भी पूरी तरह निष्पक्षता और पारदर्शिता बरती जा रही है। नियुक्ति पत्र के साथ ही पदस्थापन का पत्र मिल रहा है।
लाटरी के माध्यम से नवनियुक्त अधिकारी और कर्मचारी स्वयं पदस्थापन स्थल तय कर रहे हैं। मुख्यमंत्री शुक्रवार को रांची के डोरंडा स्थित जैप वन के शौर्य सभागार में आयोजित नियुक्तिपत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर उन्होंने झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से विभागों में विभिन्न पदों के लिए नियुक्त 527 अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र सौंपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में जब उनकी सरकार बनी तो विभिन्न विभागों में नियुक्ति नियमावली तक नहीं थी।
इससे रिक्त पद नहीं भर रहे थे। नियुक्ति में कई उलझनें थीं। कुछ उलझनें वास्तविक थीं तो कुछ दिखावटी और मैन मेड भी थीं। हमारी सरकार ने न केवल विभिन्न विभागों में नियमावलियां गठित कीं, बल्कि बड़े पैमाने पर नियमित रूप से नियुक्तियां भी की।
मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों और अन्य कर्मियों से कहा कि वे इसे सिर्फ एक नौकरी न समझें। उन्हें सामाजिक दायित्व निभाने का अवसर प्राप्त हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे अपनी क्षमता और दक्षता का इस्तेमाल कर राज्य के विकास के पहिये को आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
इस मौके पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम, स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, नगर विकास मंत्री हफीजुल हसन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, शिक्षा सचिव उमाशंकर सिंह एवं अन्य विभागों के सचिव व पदाधिकारी उपस्थित थे।
पदाधिकारी हों या चपरासी, सभी को देखने का एक ही नजरिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पदाधिकारी हों या चपरासी, राज्य सरकार सभी को एक ही नजरिए से देखती है। वे यहां की बिखरी चीजों को हम समेटने में लगे हैं। झारखंड में जो गरीबी का प्रकोप है,उसे भी बहुत जल्द खत्म कर देंगे।
बेहतर काम करनेवाले अधिकारी और कर्मी हों पुरस्कृत
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई जगहों पर देखने को मिला कि सीमित संसाधनों के बीच भी कई शिक्षक और अन्य कर्मी रचनात्मक ढंग से काफी बेहतर कार्य कर रहे हैं। ऐसे में विभिन्न विभाग बेहतर काम करनेवाले अधिकारियों और कर्मियों को पुरस्कृत करने की परंपरा शुरू करें ताकि उनका उत्साह और मनोबल और ऊंचा हो। इसके लिए विभिन्न विभागों को आगे आना होगा।
बड़ी संख्या में शिक्षकों, कनीय अभियंताओं आदि को नियुक्तिपत्र
मुख्यमंत्री ने जिन अभ्यर्थियों को नियुक्तिपत्र सौंपा, उनमें स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के अंतर्गत 108 स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षक, 12 स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक, 200 सहायक शिक्षक तथा 56 प्रयोगशाला सहायक सम्मिलित हैं।
प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश पर हुई री-काउंसिलिंग के माध्यम से हुई है। इनके अलावा पेयजल विभाग में नियुक्ति के लिए 47, पथ निर्माण विभाग के लिए 25, जल संसाधन विभाग के लिए 49, नगर विकास विभाग के लिए 28, रिम्स के लिए तीन तथा वाणिज्यकर, वित्त एवं खाद्य आपूर्ति विभाग के लिए एक-एक अभ्यर्थी को नियुक्ति पत्र मिला।
इन सभी की नियुक्ति झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं के माध्यम से हुई है।
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