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Hemant Soren: हेमंत सोरेन ने प्रधानमंत्री की इस योजना को दे दी मंजूरी, झारखंड के 11 जिलों को मिलेगा फायदा

Jharkhand News झारखंड के आदिवासी जनजाति बहुल क्षेत्रों में 91 नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तरफ से हरी झंडी मिल गई है। प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत खुलनेवाले इन केंद्रों के लिए 40 प्रतिशत राशि देने पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी है। शेष 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन करेगी।

By Neeraj Ambastha Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Thu, 18 Jul 2024 05:42 PM (IST)
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हेमंत सोरेन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (जागरण)
राज्य ब्यूरो, रांची। Hemant Soren News: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को प्रधानमंत्री की एक बड़ी योजना को मंजूरी दे दी। इसके तहत राज्य के आदिम जनजाति बहुल क्षेत्रों में 91 नए आंगनबाड़ी केंद्र खुलेंगे।

प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान के तहत खुलनेवाले इन केंद्रों के लिए 40 प्रतिशत राशि देने पर राज्य सरकार ने सहमति दे दी है। शेष 60 प्रतिशत राशि केंद्र सरकार वहन कर रही है।

इन 11 जिलों में खुलेंगे आंगनबाड़ी केंद्र

महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस योजना से संबंधित संकल्प जारी कर दिया है। ये केंद्र रांची, चतरा, दुमका, जामताड़ा, लातेहार, लोहरदगा, पलामू, सरायकेला खरसावां पूर्वी सिंहभूम तथा पश्चिमी सिंहभूम के जनजाति बहुल क्षेत्रों में खुलेंगे। प्रत्येक केंद्र में एक सेविका एवं एक सहायिका की नियुक्ति होगी। इन 91 केंद्रों के संचालन पर प्रतिवर्ष 1.64 करोड़ रुपये खर्च हाेंगे।

शुरू में इन केंद्रों का संचालन किराये के भवन में होगा। राज्य सरकार ने इनके भवन निर्माण के लिए अलग से प्रति आंगनबाड़ी केंद्र 12 लाख रुपये का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा है। इधर, राज्य सरकार ने राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को एलपीजी सिलेंडर की रिफिलिंग के राशि देने का भी निर्णय लिया है। विभाग द्वारा जारी संकल्प के अनुसार, इस पर प्रति वर्ष 14.76 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

ईंधन मद में प्रतिमाह 97.50 रुपये की दर से राशि उपलब्ध कराई जा रही

बताते चलें कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में दो-दो एलपीजी सिलेंडर तथा एक स्टोव वर्ष 2022 में ही उपलब्ध कराए गए हैं। वहीं, ईंधन मद में प्रतिमाह 97.50 रुपये की दर से राशि उपलब्ध कराई जा रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग ने आंगनबाड़ी सेविकाओं, क्षेत्रीय पदाधिकारियों तथा गैस आपूर्ति एजेंसियों के प्रतिनिधियों से परामर्श किया, जिसमें यह बात सामने आई कि प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र में प्रति तीन माह पर 14.2 किलो के एक सिलेंडर रिफिलिंग की आवश्यकता होगी।

एक वर्ष में चार सिलेंडर की रिफिलिंग की राशि आंगनबाड़ी केंद्र को मिलेगी

इस तरह, एक वर्ष में चार सिलेंडर की रिफिलिंग की राशि केंद्रों को मिलेगी। आंगनबाड़ी सेविका सीधे गैस एजेंसी से सिलेंडर की रिफिलिंग कराएंगे। बिल देने के बाद उसका भुगतान बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा 15 दिनों के भीतर किया जाएगा। रिफिलिंग की राशि देने के बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रति बच्चो 0.13 रुपये की दर से दी जा रही ईंधन मद की राशि नहीं दी जाएगी।

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