सीएम लीज आवंटन मामला: हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत, यह दलील देते हुए याचिका कर दी गई खारिज
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। लीज आवंटन मामले में दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि पूर्व में शिवशंकर शर्मा ने इस तरह का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था ऐसे में समान आरोप में याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।
जासं, रांची। राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने लीज आवंटन मामले में दाखिल जनहित याचिका को खारिज कर दिया। अदालत ने माना कि पूर्व में शिवशंकर शर्मा ने इस तरह का आरोप लगाते हुए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था, ऐसे में समान आरोप में याचिका पर सुनवाई नहीं की जा सकती है।
खनन मंत्री रहते हुए किया था लीज का आवंटन
बता दें कि सुनील कुमार महतो ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर सीएम हेमंत सोरेन को खनन मंत्री रहते हुए लीज आवंटन और उनके परिवार वालों को जमीन आवंटन की जांच की मांग की गई थी। हालांकि, सीएम हेमंत सोरेन ने अपने नाम से पत्थर खनन लीज को सरेंडर कर दिया था।
याचिका में लगे हैं ये आरोप
गौरतलब है कि आरटीआई कार्यकर्ता और हाईकोर्ट के वकील सुनील कुमार महतो ने जनहित याचिका दायर कर कहा था कि खनन विभाग में मंत्री रहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने खुद के, पत्नी कल्पना सोरेन और साली सरला मुर्मू के नाम लीज आवंटन करने का आरोप लगाया था।इस याचिका में मुख्यमंत्री के नाम पत्थर खनन लीज आवंटन, पत्नी कल्पना सोरेन की कंपनी सोहराय लाइव स्टॉक को नियमों के परे जाकर सरकारी जमीन आवंटित करने और साली सरला मुर्मू को औद्योगिक क्षेत्र में जमीन दिलाने का आरोप लगाया गया है। यह भी पढ़ें: हेमंत सोरेन ने चतरा को 470 करोड़ की दी सौगात, CM ने विपक्ष को खूब सुनाया; बोले- प्रदेश में बिचौलियावाद पर लगाम लगा
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