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ED की किसी अनुशंसा पर झारखंड सरकार ने नहीं दर्ज कराई FIR, अब चुनाव से पहले हाईकोर्ट पहुंचा मामला

झारखंड में विधानसभा के चुनावों के लिए मतदान होने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। हालांकि इससे पहले ही मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार की मुश्किलें बढ़ाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में ईडी ने हाईकोर्ट से प्रदेश सरकार को विभिन्न घोटालों के मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश देने के लिए कहा है।

By Dilip Kumar Edited By: Yogesh Sahu Updated: Wed, 06 Nov 2024 03:26 PM (IST)
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ईडी की किसी भी अनुशंसा पर राज्य सरकार ने नहीं कराई प्राथमिकी
राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी की किसी भी अनुशंसा पर राज्य सरकार ने अबतक प्राथमिकी नहीं कराई है। इससे परेशान होकर ईडी ने गत 29 अक्टूबर को झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

ईडी ने याचिका दाखिल कर न्यायालय से आग्रह किया है कि उन सभी घोटालों की जांच के लिए सीबीआई को आदेश दे, जिनमें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत अनुसंधान में बड़े खुलासे किए हैं।

याचिका में कहा गया है कि ईडी मनरेगा, कोयला आवंटन, भूमि, अवैध खनन, टेंडर आवंटन कमीशन, बालू, शराब आदि घोटाले की मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है।

जांच में सरकारी अफसरों-नेताओं की मिलीभगत व भारी अनियमितता उजागर हो चुकी है। ईडी ने सभी मामलों में जांच के बाद संबंधित अधिकारियों-नेताओं के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा की, परंतु सरकार ने किसी भी मामले में सक्रियता नहीं दिखाई, न ही प्राथमिकी कराई।

ईडी ने इन मामलों की है जांच कराने की अनुशंसा

मनरेगा घोटाला

ईडी ने 18 मई 2012 को राज्य में दर्ज 16 अलग-अलग प्राथमिकियों के आधार पर केस दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया था। अनुसंधान के क्रम में छह मई 2022 को छापेमारी की, जिसमें ईडी ने 19.76 करोड़ रुपये जब्त कर 18 नवंबर 2022 को इसकी जानकारी राज्य सरकार से साझा की।

इसके बाद एक दिसंबर 2022 को ईडी ने 82.77 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की और नौ दिसंबर को सरकार को यह जानकारी दी। इसके बाद 10 जनवरी 2023, 24 फरवरी 2023, चार मई 2023 व 23 जून 2023 को सभी सूचनाएं राज्य सरकार से साझा की, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।

अवैध खनन घोटाला

20 जून 2020 को ईडी ने बड़हरवा थाने में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर केस टेकओवर किया था। इसके बाद जुलाई 2022 में ईडी ने छापेमारी कर करीब पांच करोड़ रुपये जब्त करने की कार्रवाई की थी और बैंकों में पड़े 13 करोड़ रुपये फ्रीज कराया था।

इसके अलावा दो एके-47 राइफल, संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए थे, जो अवैध गतिविधियों में संलिप्तता से संबंधित थे। ईडी ने 10 सितंबर 2022 को इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार से साझा की थी। 16 सितंबर 2022 को पीएमएलए कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की।

12 अक्टूबर 2022 को खान एवं भूतत्व विभाग के प्रधान सचिव को पत्र जारी कर आरोपितों पर कार्रवाई की अनुशंसा की। 15 नवंबर 2022 को राज्य सरकार से यह सूचना भी साझा की।

19 जुलाई 2023 को फिर राज्य सरकार को सूचना साझा कर ईडी ने अवैध खनन मामले में आवश्यक कार्रवाई की अनुशंसा की, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई।

17 सितंबर 2020 को ईडी ने एसीबी जमशेदपुर में दर्ज प्राथमिकी व चार्जशीट के आधार पर केस दर्ज की थी। इसके बाद तीन मार्च 2023 को ईडी की सूचना पर दिल्ली के आर्थिक अपराध विंग में प्राथमिकी दर्ज हुई थी।

18 अप्रैल 2023 को ईडी ने आरोपितों की 39 करोड़, 28 लाख 82 हजार 578 रुपये की संपत्ति जब्त की थी। 21 अप्रैल 2023 को पीएमएलए कोर्ट में ईडी ने चार्जशीट दाखिल की थी। आठ मई 2023 को ईडी ने इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार से साझा की और इस पूरे प्रकरण में केस दर्ज करने की अनुशंसा की।

तीन अगस्त 2023 को ईडी ने फिर 35 लाख 77 हजार 117 रुपये की संपत्ति जब्त की। 20 अगस्त को पूरक आरोप पत्र भी दाखिल किया। छह मई 2024 को छापेमारी में 37 करोड़ 54 लाख 73 हजार 400 रुपये नकदी जब्त की।

चार जुलाई 2024 को अस्थाई रूप से जब्ती आदेश जारी किया। 12 जुलाई 2024 को पूरक आरोप पत्र दाखिल किया। छह सिंबर 2024 को इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार से साझा की। कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जमीन घोटाला

  • 21 अक्टूबर 2022 को ईडी ने बरियातू थाने में चार जून 2022 को दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मामले को टेक ओवर किया। सात मार्च 2023 को ईडी ने आठ सितंबर 2022 को सदर थाने में दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर दूसरा केस दर्ज किया।
  • 13 अप्रैल 2023 को ईडी ने छापेमारी की, बहुत से फर्जी दस्तावेज बरामद किए। चार मार्च 2023 को ईडी ने राज्य सरकार से उक्त सूचना साझा की। एक जून 2023 को रांची के सदर थाने में राजस्व उप निरीक्षक पर प्राथमिकी दर्ज हुई।
  • 10 जून 2023 को ईडी ने 74 करोड़, 39 लाख 52 हजार 323 रुपये की संपत्ति जब्त की। 12 जून 2023 को चार्जशीट दाखिल कर 23 जून 2023 को यह सूचना भी राज्य सरकार से साझा की। 26 जून 2023 को ईडी ने एक अन्य केस किया।
  • 13 जुलाई 2023 को इससे संबंधित सूचना राज्य सरकार से साझा की। 19 जुलाई 2023 व 22 जुलाई 2023 को ईडी ने फिर राज्य सरकार से चार्जशीट व जांच में मिले तथ्यों की जानकारी राज्य सरकार को दी।

टेंडर आवंटन घोटाला

26 सितंबर 2023 को ईडी ने पूर्व में मिले तथ्यों के आधार पर राज्य सरकार से सभी सूचनाएं साझा की और बताया कि किस तरह सरकारी अधिकारी नेताओं के सहयोग से पद का दुरुपयोग कर टेंडर आवंटन के एवज में घोटाला कर रहे हैं।

कोयला आवंटन घोटाला

ईडी ने कोयला आवंटन घोटाला में मांडू थाने में 20 जनवरी 2029 में दर्ज प्राथमिकी के आधार केस दर्ज कर जांच की थी।

इसी जांच के क्रम में जनवरी 2023 में छापेमारी की गई और हजारीबाग में एक ठिकाने से 3.58 करोड़ रुपये बरामद करने की कार्रवाई की।

15 मार्च 2024 को इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर 15 मई 2024 को ईडी ने राज्य सरकार से संबंधित सूचना साझा की, परंतु सरकार मौन रही।

अवैध बालू व शराब बिक्री का मामला

31 मार्च 2022 को ईडी ने देवघर व जामताड़ा में दर्ज विभिन्न कांडों के आधार पर ईसीआइआर की थी। 15 दिसंबर 2023 को जांच में मिले तथ्यों से राज्य सरकार को अवगत कराया था और बताया था कि किस तरह आरोपितों ने 14 करोड़ 78 लाख रुपये का घोटाला किया। इस मामले में भी राज्य सरकार ने कोई प्राथमिकी नहीं कराई।

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