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Hemant Soren: ED के हाथों गिरफ्तार होने वाले पहले CM हैं सोरेन, लालू की गिरफ्तारी के वक्त CBI को बुलानी पड़ी थी सेना

हेमंत सोरेन देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री (अब पूर्व) हैं जिन्हें पद पर रहते हुए इस्तीफा दिलाने के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया है। सीबीआइ भ्रष्टाचार में घिरे कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पहले कार्रवाई कर चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा चर्चित मामला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का रहा है जिन्हें चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ को 1997 में सेना की मदद लेनी पड़ी थी।

By Jagran News Edited By: Devshanker Chovdhary Updated: Thu, 01 Feb 2024 06:00 AM (IST)
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ईडी के हाथों गिरफ्तार होने वाले पहले सीएम हैं हेमंत सोरेन। (फोटो- एएनआई)
राज्य ब्यूरो, रांची। हेमंत सोरेन देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री (अब पूर्व) हैं, जिन्हें पद पर रहते हुए इस्तीफा दिलाने के बाद ईडी ने गिरफ्तार किया है। सीबीआइ भ्रष्टाचार में घिरे कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों पर पहले कार्रवाई कर चुकी है।

कैसे हुई थी लालू यादव की गिरफ्तारी 

इसमें सबसे ज्यादा चर्चित मामला बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद का रहा है, जिन्हें चारा घोटाला मामले में गिरफ्तार करने के लिए सीबीआइ को 1997 में सेना की मदद लेनी पड़ी थी। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता था और वह पद छोड़ने को तैयार नहीं थे। ऐसे में काफी हंगामा मचा था। अतत: उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बनाकर इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सीबीआइ ने उन्हें गिरफ्तार किया था।

जयललिता भी हो चुकी हैं गिरफ्तार

वहीं, तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की भी गिरफ्तारी हो चुकी है। उन्होंने आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन जब तक मामले की जांच चली वह मुख्यमंत्री पद पर बनी हुई थीं। जयललिता के पद से इस्तीफा दिये जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था।

साल 2011 में कर्नाटक के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने अवैध खनन मामले को लेकर लोकायुक्त की रिपोर्ट सामने आने के बाद इस्तीफा दिया था। इसके बाद राज्य की कमान डीवी सदानंद गौड़ा को सौंपी गई थी। इसके कुछ दिनों बाद येदियुरप्पा की गिरफ्तारी हुई थी।

झारखंड में पहली बार आई ऐसी परिस्थिति

झारखंड में पहले भी सरकारें गिरती और बनती रहीं हैं। विधायकों को गायब होने तथा उन्हें बाहर ले जाने की घटनाएं भी हुई हैं। लेकिन एक ही दिन सरकार गिरने तथा नई सरकार का दावा पेश करने से लेकर मुख्यमंत्री से पूछताछ एवं गिरफ्तारी की घटना पहली बार एक ही दिन हुई है। बुधवार को इन घटनाओं पर पूरे देश की निगाहें टिकी रहीं।

संविधान के अनुच्छेद 361 के तहत मुख्यमंत्री को सिविल मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत से छूट मिली हुई है। हालांकि, क्रिमिनल मामलों में वह गिरफ्तार हो सकते हैं। बिल्कुल ऐसी ही स्थिति प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य, विधानसभा और विधान परिषद के सदस्यों के लिए भी है। हालांकि, राष्ट्रपति और राज्यपाल को पद पर रहते हुए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है।

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