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Hemant Soren: हेमंत सोरेन पर ED कसती जा रही शिकंजा, यहां पढ़ें पहले समन से लेकर अब तक की पूरी अपडेट

Hemant Soren Jharkhand land scam हेमंत सोरेन को जिस जमीन घोटाले के मामले में कुर्सी गंवानी पड़ी वो सेना के 4.55 एकड़ मालिकाना हक वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ा है। मामले में फर्जी नाम-पता के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री हुई ती। रांची नगर निगम द्वारा केस दर्ज करवाया गया था। यह जमीन रांची के बड़गाई इलाके में है।

By Jagran News Edited By: Deepti Mishra Updated: Tue, 06 Feb 2024 02:33 PM (IST)
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हेमंत सोरेन पर ED कसती जा रही शिकंजा, यहां पढ़ें पहले समन से लेकर अब तक का पूरा अपडेट

 राज्य ब्यूरो, रांची। जिस जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़नी पड़ी, उसमें ईडी अब तक 236 करोड़ की अचल संपत्ति जब्त कर चुकी है। इससे पहले भी ईडी ने करोड़ों रुपये मूल्य की अलग-अलग जगह दो भूमि को अस्थाई रूप से कुर्क की थीं, जिसका बाजार मूल्य 74.39 करोड़ रुपये था।

इन संपत्तियों में सेना के उपयोग वाली बरियातू मौजा की 4.55 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य 41.51 करोड़ रुपये था। दूसरी बाजरा मौजा की 7.16 एकड़ जमीन, जिसका बाजार मूल्य 32.87 करोड़ रुपये था।

इसके बाद ईडी ने 161.64 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी। इनमें चेशायर होम रोड के गाड़ी गांव मौजा के खाता नंबर 37 के प्लाट नंबर 28 स्थित एक एकड़ जमीन, नामकुम अंचल के पुगड़ू मौजा स्थित खाता नंबर 93, प्लाट नंबर 543, 544, 546 व 547 में 9.30 एकड़ जमीन व सिरमटोली में वार्ड नंबर छह स्थित एमएस प्लाट नंबर 908, 851 व 910 में 5.883 एकड़ जमीन शामिल हैं।

 जमीन घोटाले में सोरेन को कब-कब समन मिले? 

  • पहला समन:  8 अगस्त को भेजकर 14 अगस्त को हाजिर होने को कहा गया, लेकिन पूर्व मुख्‍यमंत्री हेमंत सोरेन नहीं पहुंचे।
  • दूसरा समन: 19 अगस्त को दूसरा समन भेजकर 24 अगस्त को बुलाया गया, लेकिन इस बार भी हेमंत सोरेन नहीं गए।
  • तीसरा समन: एक सितंबर को ईडी ने तीसरा समन भेजकर नौ सितंबर को उपस्थित होने को कहा, लेकिन सोरेन नहीं गए।
  • चौथा समन: 17 सितंबर को समन भेजकर 23 सितंबर को हाजिर होने को कहा। सोरेन ने हर समन का जवाब देकर केंद्र को घेरा।
  • पांचवां समन: 26 सितंबर को ईडी ने पांचवा समन भेजकर 4 अक्टूबर को पेश होने का कहा, लेकिन वे नहीं गए।
  • छठवां समन: उनके उक्त समन की अवहेलना के बाद ईडी ने 11 दिसंबर को छठा समन भेज 12 दिसंबर को पेश होने का कहा।
  • सातवां समन: 29 दिसंबर को सातवां समन भेज ईडी ने मुख्यमंत्री को पूछताछ के लिए समय व जगह खुद तय करने को कहा।
  • आठवां समन: ईडी ने फिर 13 जनवरी को आठवां समन किया और 16 से 20 जनवरी तक बयान दर्ज कराने के लिए कहा।
  • नौवां समन: 25 जनवरी को नौवां समन कर पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी के बीच समय देने को कहा। इस पर मुख्यमंत्री (अब पूर्व सीएम) ने जवाब दिया कि वे व्यस्त हैं, बाद में बताएंगे कि कब उनसे पूछताछ हो सकेगी।
  • 10वां समन : 27 जनवरी को 10वां समन कर बयान दर्ज कराने के लिए 29 से 31 जनवरी तक का समय दिया। साथ ही यह भी कहा कि अगर वे समय नहीं देंगे तो ईडी उनसे उक्त तिथि में कभी भी पूछताछ करेगी।

'वे कानून से ऊपर नहीं'

हेमंत सोरेन प्रत्येक समन का जवाब देते गए। इसमें उन्होंने ईडी पर केंद्र के इशारे पर काम करने, लोकतांत्रिक रूप से चुनी हुई सरकार को परेशान करने का आरोप लगाया, लेकिन एक बार भी ईडी के सामने उपस्थित नहीं हुए।  इसके बाद ईडी ने लिखा था, ''वे (हेमंत सोरेन) मुख्यमंत्री हैं तो इसका मतलब यह नहीं हुआ कि वे कानून से ऊपर हैं।''

सोरेन का जवाब- समय नहीं है, बाद में बताएंगे

ईडी के सख्त पत्र पर मुख्यमंत्री पूछताछ के लिए तैयार हुए और उसके बाद 20 जनवरी को सीएम आवास में उनसे पूछताछ हुई। ईडी ने पूछताछ में ही कहा कि अभी पूछताछ पूरी नहीं हुई है, एक बार फिर पूछताछ करनी पड़ेगी। इसके बाद ईडी ने 25 जनवरी को नौवां समन कर पूछताछ के लिए 27 से 31 जनवरी के बीच समय देने को कहा। मुख्यमंत्री ने इसपर जवाब दिया कि वे व्यस्त हैं, बाद में बताएंगे कि कब उनसे पूछताछ हो सकेगी।

इसके बाद ईडी ने उन्हें 27 जनवरी को 10वां समन कर बयान दर्ज कराने के लिए 29 से 31 जनवरी तक का समय दिया। साथ ही यह भी कहा कि अगर वे समय नहीं देंगे तो ईडी उनसे उक्त तिथि में कभी भी पूछताछ करेगी।

इसके बाद ही ईडी आगे की कार्रवाई कर रही है। हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद धनशोधन के एक मामले में 31 जनवरी की रात गिरफ्तार कर लिया गया था।

इन मामलों में भी मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही है ईडी

  • शराब घोटाला : सिर्फ योगेंद्र तिवारी गिरफ्तार।
  • मनरेगा घोटाला : पूजा सिंघल, चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार गिरफ्तार। सुमन अभी जमानत पर हैं।
  • अवैध खनन : पंकज मिश्रा, बच्चू यादव, नेताओं व नौकरशाहों का करीबी प्रेम प्रकाश, दाहू यादव के पिता पशुपति यादव, पंकज मिश्रा का खास सहयोगी कृष्णा कुमार साहा, भगवान भगत, टिंकल भगत व राहुल यादव। इनमें से कई जमानत पर हैं।
  • कोल लिंकेज घोटाला : इजहार अंसारी, हजारीबाग।
  • पद का दुरुपयोग कर टेंडर घोटाला : वीरेंद्र राम, आलोक रंजन, नीरज मित्तल व राम प्रकाश भाटिया। अवैध खनन केस में सीएम से 17 नवंबर 2022 को पूछताछ हुई थी।

किस मामले में हेमंत सोरेन की गई कुर्सी?

हेमंत सोरेन को जिस जमीन घोटाले के मामले में कुर्सी गंवानी पड़ी, वो सेना के 4.55 एकड़ मालिकाना हक वाली जमीन की खरीद बिक्री से जुड़ा है। मामले में फर्जी नाम-पता के आधार पर जमीन की खरीद-बिक्री हुई ती। रांची नगर निगम द्वारा केस दर्ज करवाया गया था। यह जमीन रांची के बड़गाई इलाके में है। बता दें कि इस मामले में हेमंत सोरेन से पहले इस अंचल के राजस्व उप-निरीक्षक भानु प्रताप की गिरफ्तारी हो चुकी थी। मामले में अब तक 15 से अधिक लोग गिरफ्तार किए गए हैं।

बाबूलाल और सरयू बोले, हेमंत की एफआईआर फर्जी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी व पूर्व मंत्री सरयू राय ने हेमंत सोरेन की ओर से एसटी-एससी थाना में ईडी के अधिकारियों पर दर्ज कराए गई एफआईआर के फर्जी होने की आशंका जताई है।

दोनों नेताओं ने कहा कि एफआईआर के मुताबिक, हेमंत सोरेन अपने को साहिबगंज विधानसभा क्षेत्र का विधायक बता रहे हैं, जबकि झारखंड में साहिबगंज नाम से कोई विधानसभा क्षेत्र नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि एफआईआर ही फर्जी है। क्योंकि हेमंत सोरेन का अपना विधानसभा बरहेट की जगह साहिबगंज बताना संदेह को जन्म दे रहा है।

उन्होंने डीजीपी एवं पुलिस अधिकारी से इसकी सत्यता जांचने की मांग की है। बाबूलाल ने लिखा कि झामुमो में फर्जीवाड़ा का पहले भी रिकार्ड रहा है। शिबू सोरेन के समय एक बार दो-तीन लोगों को एक जगह का टिकट दे दिया गया था।

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