'शुक्र मनाइए सिर्फ गेट खोला है अगर...', ममता दीदी के एक्शन पर JMM का तीखा रिएक्शन
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के मैथन और पंचेत जलाशय से छोड़े गए जल पर आपत्ति जताने और उसके बाद सीमा पर ट्रकों को रोके जाने के निर्णय पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कड़ी आपत्ति जताई है। झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि हेमंत सरकार किसी के सामने घुटने नहीं टेकेगी।
राज्य ब्यूरो, रांची: दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के मैथन व पंचेत जलाशय से छोड़े गए जल को लेकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की आपत्ति और उसके बाद सीमा पर ट्रकों को रोके जाने संबंधी निर्णय पर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने आपत्ति जताई है।
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी की मनःस्थिति सही नहीं है। हेमंत सरकार किसी के सामने घुटने टेकना नहीं जानती है। ऐसा होता तो हेमंत सोरेन जेल की यात्रा नहीं करते।
डीवीसी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि मैथन और पंचेत से बंगाल सरकार, झारखंड और डीवीसी की टेक्निकल कमेटी की सहमति से पानी छोड़ा गया। इसके बावजूद ममता बनर्जी गलत आरोप लगा रही हैं। उन्होंने सीमा पर बैरियर लगा है।
तंज कसते हुए उठाया सवाल
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मालवाहक वाहन से पानी जाता है? दीदी को संवेदना होना चाहिए। मसानजोर से झारखंड को एक लीटर पानी सिंचाई के लिए नहीं मिलता। पूरा का पूरा डूब क्षेत्र झारखंड का है। मैथन और पंचेत के सैकड़ों गांव डूबते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि झारखंड को डीवीसी से सिर्फ सात जिले में बिजली मिलती है। बंगाल के 11 जिलों को डीवीसी से बिजली मिलता है। चांडिल डैम में भी झारखंड के गांव डूबे हैं। थोड़ा पानी टाटा कंपनी और बाकी ओडिशा और बंगाल को मिलता है।
शुक्र मनाइए कि सिर्फ गेट खोला है...
उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि शुक्र मनाइए कि सिर्फ गेट खोला गया है। अगर डैम टूट जाता तो बंगाल कहां जाता? दीदी का फैसला सही नहीं है। अगर झारखंड बॉर्डर सील कर दे तो, देश के अन्य भागों से बंगाल कट जाएगा।
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