जांच एजेंसी की पूछताछ से पहले हेमंत सोरेन ने चल दिया बड़ा दांव, ED अधिकारियों के खिलाफ दर्ज करा दी FIR
जमीन घोटाला मामले में आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से ईडी की पूछताछ चल रही है। इस दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम हैं। सीएम आवास और राजभवन के चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती है। इसी बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ एसटी-एससी थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है। प्राथमिकी में आदिवासी को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रांची के एससी-एसटी थाने में ईडी के अधिकारी कपिल राज, देवब्रत झा, अनुपम कुमार, अमन पटेल व अन्य अज्ञात के विरुद्ध बुधवार को एससी-एसटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई है। ये सभी अधिकारी ईडी के जोनल कार्यालय रांची से संबंधित हैं।
उन्होंने लिखा है कि ईडी के अधिकारियों ने उन्हें 29 से 31 जनवरी तक रांची में रहने के लिए कहा था और इसी बीच उनके दिल्ली स्थित आवास पर उनकी अनुपस्थिति में बिना पूर्व सूचना के छापेमारी कर दी। वे अनुसूचित जनजाति से आते हैं, लेकिन ईडी के उक्त अधिकारियों में एक भी अधिकारी एससी-एसटी अधिनियम से संबंधित नहीं था।
उन्हें व उनके परिवार को ईडी के इस झूठे, बनावटी कृत्य से मानसिक व सामाजिक रूप से प्रताड़ना हुई है। वे आहत हुए हैं। ईडी के उपरोक्त अधिकारियों के माध्यम से मीडिया में भ्रम फैलाकर उन्हें आम जनता के बीच बदनाम करने की कोशिश की गई है।
आवासीय परिसर में सर्च अभियान चलाया
मुख्यमंत्री ने लिखा है कि जब वे रांची आए तो उन्होंने विभिन्न मीडिया के माध्यम से 30 जनवरी को ईडी की दिल्ली स्थित झारखंड भवन, मुख्यमंत्री आवास में छापेमारी से संबंधित समाचारों को देखा। इससे उन्हें व उनके समुदाय को बदनाम करने की कोशिश हुई है। 27 व 28 जनवरी को वे दिल्ली गए थे और वहां 5/1 शांति निकेतन में ठहरे थे। इस परिसर को झारखंड सरकार ने लीज पर लिया हुआ है। यह आवास व कार्यालय के उपयोग के लिए लिया गया है।
29 जनवरी को उन्हें सूचना मिली कि उपरोक्त अधिकारियों ने उक्त आवासीय परिसर में सर्च अभियान चलाया। उक्त छापेमारी बिना किसी नोटिस के हुई थी। उक्त अधिकारियों ने उन्हें 29 व 31 को रांची में रहने के लिए कहा था। इसके बावजूद दिल्ली में छापेमारी कर उन्हें व उनकी सरकार को आम जनता के बीच बदनाम करने के लिए मीडिया के माध्यम से दुष्प्रचार किया, उन्हें बदनाम किया गया।
आम जनता में बदनाम करने की कोशिश
इतना ही नहीं, ईडी के उपरोक्त अधिकारियों ने मीडिया में यह जानकारी शेयर की कि दिल्ली स्थित उनके परिसर से एक बीएमडब्ल्यू कार व एक भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी हुई है, जबकि वह कार उनकी है ही नहीं। वे आदिवासी समुदाय से आते हैं, इसलिए उन्हें आम जनता में बदनाम करने की कोशिश की गई है।
उपरोक्त अधिकारियों में कोई भी सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से नहीं आता है। इन अधिकारियों ने उनके विरुद्ध गलत, बनावटी आपराधिक कार्रवाई की है। ईडी की इस कार्रवाई से उन्हें, उनके पारिवारिक सदस्यों को मानसिक व भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचा है।उन्होंने एससी-एसटी थाने में आवेदन देकर उपरोक्त अधिकारियों पर प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया है। उनके आवेदन पर रांची के एससी-एसटी थाने में कांड संख्या 06/2024 के तहत प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।
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