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हेमंत सोरेन को लग सकता एक और बड़ा झटका, BJP के संपर्क में पार्टी का यह विधायक! क्या फिर होने जा रहा 'खेला'

Hemant Soren News झारखंड में कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि एक और मुश्किल हेमंत सोरेन की पार्टी के विधायक की गतिविधि ने खड़ा कर दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बोरियो विधायक जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं। बोरियो विधायक अपने ही पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध आग उगलते आ रहे हैं।

By Pradeep singh Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 21 Feb 2024 01:53 PM (IST)
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हेमंत सोरेन को लग सकता एक और बड़ा झटका, BJP के संपर्क में पार्टी का यह विधायक! (फोटो- एक्स हैंडल)

राज्य ब्यूरो, रांची। कांग्रेस में असंतुष्ट विधायकों की गतिविधि के बीच सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रम जल्द पार्टी छोड़ सकते हैं। लोबिन हेम्ब्रम अपना राजनीतिक दल बनाने की कोशिशों में लगे हैं। नए दल का नाम उन्होंने झारखंड बचाओ मोर्चा रखा है।

इसके निबंधन समेत अन्य औपचारिकता पूरी करने की प्रक्रिया वे चुनाव आयोग में करेंगे। दरअसल, लोबिन काफी समय से नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं। अक्सर वे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरुद्ध आग उगलते हैं। पहले कहा जा रहा था कि वे भाजपा के संपर्क में हैं। हालांकि, नया दल बनाने की प्रक्रिया से इन अटकलों को विराम लगेगा।

लोबिन हेम्ब्रम ने हाल ही में संताल परगना में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में एक कार्यक्रम में भी भाग लिया था। हालांकि, हाल ही में चंपई सरकार के विश्वास मत प्रस्ताव के दौरान उन्होंने साथ दिया था। ऐसा लग रहा था कि उनके तेवर नरम होंगे, लेकिन अब उनकी राह जल्द ही अलग होने की उम्मीद है।

झामुमो को कितना नुकसान पहुंचा पाएंगे लोबिन

लोबिन हेम्ब्रम के तेवर को देखते हुए झामुमो ने डैमेज कंट्रोल की प्रक्रिया काफी पहले आरंभ कर दी थी। उनके मुकाबले में हेमलाल मुर्मू को दल में वापसी कराई गई। लोबिन हेम्ब्रम ने आरंभ में पूरे राज्य में दौरा करने की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी मुहिम को झामुमो के भीतर ही समर्थन नहीं मिला। नतीजा हुआ कि वे अकेले सिमटे रहे।

इधर, तल्ख तेवर के कारण झामुमो ने भी इनसे दूरी बनाई। यह भी तय हो गया कि अगले चुनाव में इन्हें टिकट नहीं मिल पाएगा। आगामी चुनावों में संताल परगना में इनकी सक्रियता सीमित रहेगी। फिलहाल, लोबिन हेम्ब्रम के साथ नहीं रहने की स्थिति में झामुमो को कोई नुकसान होता नहीं दिखता।

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