Hemant Soren News झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद अब झामुमो पूरी तरह से एक्टिव हो गई है। पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले चक्रव्यूह बनाकर भाजपा को घेरना चाहती है। इसके लिए वह तीन मुद्दों के साथ दिल्ली पहुंचने के लिए भी तैयार है। 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अपने तीन मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहता है।
राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Political News Today: झारखंड में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद सियासत गर्म है। झामुमो अब सॉलिड रणनीति के तहत काम करने में लग गई है। वह भाजपा को चक्रव्यूह में फंसाने के लिए हर सियासी चाल चलने के लिए तैयार है।
इसी क्रम में सत्तारूढ़ गठबंधन अपने महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर मुखर होगा। इस संबंध में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को ज्ञापन सौंपने की योजना है। गुरुवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के महासचिव विनोद पांडेय ने इस संदर्भ में राष्ट्रपति भवन के सचिव को पत्र लिखकर मुलाकात के लिए समय आवंटित करने का आग्रह किया है।
50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जाएगा दिल्ली
विनोद पांडेय ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि 50 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अपने विभिन्न मुद्दों को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात करना चाहता है। इसमें राज्य सरकार के मंत्री, सत्तारूढ़ दलों के सांसद-विधायक और वरीय नेता सम्मिलित रहेंगे।
इन 3 मुद्दों पर भाजपा को घेरने की तैयारी
Jharkhand News: प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से जनगणना में आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड की मान्यता, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग का आरक्षण प्रतिशत बढ़ाने और 1932 के खतियान पर आधारित स्थानीयता नीति संबंधी मांग के संदर्भ में राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंपेगा।
उल्लेखनीय है कि इन मुद्दों को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन आरंभ से मुखर रहा है। जनगणना में आदिवासियों के लिए अलग सरना धर्म कोड की मान्यता देने के लिए राज्य सरकार ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किया था। विधानसभा से इसे पारित कर केंद्र सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी तक इसपर कोई निर्णय नहीं हो पाया है।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ा वर्ग के आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी विधानसभा प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रस्ताव के मुताबिक राज्य में आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाकर कुल 77 प्रतिशत करना प्रस्तावित था।
पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करना था
पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करना था, जबकि अनुसूचित जाति का आरक्षण 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 28 प्रतिशत और अनुसूचित जाति का आरक्षण 10 से 12 प्रतिशत करना प्रस्तावित था। इन प्रस्तावों को सर्वसम्मति से झारखंड विधानसभा ने पारित किया था। 1932 के खतियान को राज्य में स्थानीयता का आधार बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव विधानसभा से दोबारा पारित कर राजभवन को भेजा गया है। आग्रह किया गया है कि इसे मान्यता प्रदान की जाए।
यह भी पढ़ें
Hement Soren: पति की गिरफ्तारी के बाद अब आर-पार के मूड में कल्पना सोरेन, इस जिले से कर दिया 'हूल' का एलान
झारखंड सरकार में सब ठीक? सिर्फ 34 दिनों के अंदर ही सामने आ गई कलह, चंपई का एक फैसला और...
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।