इधर राज्यसभा पहुंचे प्रदीप वर्मा, उधर प्रॉपर्टी की लंबी लिस्ट लेकर आ गई हेमंत की पार्टी, बाबूलाल से पूछ लिया ये सवाल
भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा के शपथपत्र पर झामुमो ने सवाल उठा दिए हैं। पार्टी प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि प्रदीप वर्मा ने शपथपत्र में कई तथ्य छिपाए हैं। उन्होंने संपत्ति के ब्योरा में भी कई जानकारियां छिपाई है। उन्होंने दावा किया कि उनकी संपत्ति उत्तर प्रदेश से लेकर कहां-कहां है इसके सभी दस्तावेज मोर्चा के पास है।
राज्य ब्यूरो, रांची। भाजपा के नवनिर्वाचित राज्यसभा सांसद प्रदीप वर्मा के शपथपत्र पर सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सवाल उठाए हैं। महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया है कि वर्मा ने नामांकन के शपथपत्र में तथ्य छिपाए। संपत्ति के ब्योरा में भी कई जानकारियां छिपाई है।
उन्होंने दावा किया कि उनकी संपत्ति उत्तर प्रदेश से लेकर कहां-कहां है, इसके सारे दस्तावेज पार्टी के पास है। लोकसभा चुनाव के बाद झामुमो चुनाव आयोग में जाकर सारे प्रस्तुत कर उनके निर्वाचन को चुनौती देगा।
उन्होंने कहा कि बिरला के फर्म की चाकरी के नाम पर प्रदीप वर्मा वर्ष रांची आए। उनके हॉस्पिटल और स्कूल के प्रबंध निदेशक के तौर पर काम शुरू किया और केयर टेकर भी रहे। वर्ष 2000 के बाद जिस प्रकार से वर्मा की संपत्ति बढ़ी, वह अप्रत्याशित है।
रघुवर काल में अर्जित की बड़ी कमाई
सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रदीप वर्मा ने रघुवर काल में बड़ी संपत्ति अर्जित की। उनके पास अनेकों संपत्ति है जिसका जिक्र एफिडेविट में नहीं है। अनगड़ा थाना के महशेपुर में एक फार्म हाऊस है। खेल गांव में उनका फ्लैट है, जिसका नागार्जुन कंपनी के साथ करार का पेपर मौजूद है।
सुप्रियो भट्टाचार्य ने दावा किया कि प्रदीप वर्मा पंडरा के पास एक फ्लैट के मालिक हैं। सरला बिरला के अंदर दवाई दुकान है, वह प्रदीप वर्मा की है। कई एनजीओ हैं। अरगोड़ा, धनबाद, आजमगढ़ में कई भूखंड हैं।
आजमगढ़ में महल
सुप्रियों ने यह भी दावा किया कि आजमगढ़ में एक शानदार महल भी खड़ा किया गया है। किसी भी डीड में आजमगढ़ का पता नहीं है। कहीं महिलौंग का पता है तो कभी विलेज आरा का पता है। कहीं पर पुरूलिया रोड का पता है। कहीं पिता का नाम रामअवतार प्रसाद, कहीं रामअवतार कुमार प्रसाद और कहीं रामअवतार वर्मा है।
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