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Hemant Soren: क्या हेमंत सोरेन को कोर्ट की पेशी से मिल पाएगी छूट? 17 अगस्त को विशेष अदालत करेगी सुनवाई

ईडी के समन की अवहेलना मामले में हेमंत सोरेन द्वारा दाखिल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट वाली याचिका पर 17 अगस्त को सुनवाई होगी। मामले में ईडी की तरफ से जवाब दाखिल कर दिया गया है। हेमंत सोरेन की ओर से उनके अधिवक्ता ने पांच जुलाई को उक्त मामले में व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति में छूट से संबंधित याचिका दाखिल की थी।

By Manoj Singh Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 08 Aug 2024 01:53 PM (IST)
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हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट वाली याचिका पर 17 अगस्त को होगी सुनवाई। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी के समन की अवहेलना करने के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की ओर से दाखिल व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट वाली याचिका पर 17 अगस्त को सुनवाई होगी।

इस मामले में ईडी की ओर से जवाब दाखिल कर दिया गया है। इसके बाद एमपी-एलएलए के विशेष कोर्ट ने 17 अगस्त को सुनवाई की अगली तिथि निर्धारित की है।

हेमंत सोरेन की ओर से उनके अधिवक्ता ने पांच जुलाई को उक्त मामले में व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति में छूट से संबंधित याचिका दाखिल की थी।

बता दें कि हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी ने समन के आदेश का अनुपालन नहीं करने को लेकर अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया है।

यह शिकायतवाद रांची की निचली अदालत में जनवरी 2024 में कराया गया है। बताते चलें कि ईडी के आठ समन पर हेमंत सोरेन ईडी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए थे।

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जहां घर बनाएं, वहां एक पेड़ जरूर लगाएं: हेमंत सोरेन

झारखंड में जल, जंगल और जमीन हमेशा से ही हमारे जीने का जरिया रहा है। लेकिन विकास और शहरीकरण की दौड़ में हरे -भरे पेड़ों से आच्छादित जंगल की जगह कंक्रीट के जंगल बन रहे हैं।

इसका सीधा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है। अगर हम अब भी नहीं चेते तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने को तैयार रहना होगा। हमें यह देखना होगा कि जहां घर बनाएं वहां एक पेड़ जरूर लगाएं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को ये बातें वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से भारतीय कृषि जैव प्रौद्योगिकी संस्थान, गढ़खटंगा में आयोजित 75वें वन महोत्सव- 2024 को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्राकृतिक असंतुलन और पर्यावरण के साथ छेड़छाड़ की वजह से बाढ़ और सुखाड़ जैसे कई प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है।

मौसम चक्र में बदलाव से कृषि प्रभावित हो रही है। ऐसे में जरूरत इस बात की है कि प्राकृतिक व्यवस्था का कम से कम नुकसान कैसे हो, इस दिशा में हम सभी आगे बढ़ें। 

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