Hemant Soren के मामले में नया मोड़! ED के हाथ लगी केस की अहम कड़ी, 8.86 एकड़ जमीन के...
हेमंत सोरेन के मामले में नया मोड़ आ गया है। ईडी के हाथ अहम लिंक लगा है। ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में पिछले करीब 12 दिनों से झामुमो नेता अंतु तिर्की जमीन कारोबारी अफसर अली विपिन सिंह प्रियरंजन सहाय व इरशाद अख्तर को आमने सामने बिठाकर ईडी ने पूछताछ की। सबने स्वीकारा कि जमीन के दस्तावेज में मिलकर जालसाजी की।
राज्य ब्यूरो, रांची। ईडी ने पीएमएलए की विशेष अदालत में सोमवार को झामुमो नेता अंतु तिर्की सहित पांच आरोपितों को प्रस्तुत करने के दौरान उनसे रिमांड अवधि में पूछताछ के दौरान मिले तथ्यों व सबूतों को भी प्रस्तुत किया है।
ईडी ने बताया है कि सभी पांचों आरोपित सरकारी दस्तावेज में जालसाजी करने में संलिप्त थे। अनुसंधान में ईडी को पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कथित तौर पर अवैध कब्जे वाली बड़गाईं अंचल की 8.86 एकड़ जमीन से संबंधित दस्तावेज भी मिले थे।
कुछ दस्तावेज बड़गाईं अंचल के गाड़ी मौजा की 4.83 एकड़ जमीन से संबंधित भी मिले हैं, जो खाता नंबर 53, प्लॉट नंबर 31, 32, 33, 35, 36, 38, 72 व 73 से संबंधित हैं। इस प्रकरण में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, बड़गाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, विनोद सिंह, हिलेरियस कच्छप (अब मृत) व राजकुमार पाहन के विरुद्ध 30 मार्च को ईडी ने चार्जशीट दाखिल किया था।
आमने-सामने बिठाकर सभी आरोपितों से ईडी ने की पूछताछ
ईडी के रांची स्थित जोनल कार्यालय में पिछले करीब 12 दिनों से झामुमो नेता अंतु तिर्की, जमीन कारोबारी अफसर अली, विपिन सिंह, प्रियरंजन सहाय व इरशाद अख्तर को आमने सामने बिठाकर ईडी ने पूछताछ की। सबने स्वीकारा कि जमीन के दस्तावेज में मिलकर जालसाजी की।
आरोपितों ने जमीन के दस्तावेजों में भारी हेराफेरी के अपने रैकेट की सक्रियता को भी बताया। आरोपित प्रियरंजन सहाय, अफसर अली, आनंद तिर्की उर्फ अंतु तिर्की व विपिन सिंह ने अवैध तरीके से कई अचल संपत्ति की बिक्री की।
अंतु तिर्की ने बड़गाईं में कई भुइहरी जमीन को अवैध तरीके से सादा पट्टा पर अपने तथा अपने पारिवारिक सदस्यों के नाम पर कब्जा किया। अंतु तिर्की फर्जी केस करने में भी शामिल था, जिसके आधार पर वह रुपये ऐठता था।
जाली दस्तावेज बनाया, सीएनटी भूमि को जनरल लैंड बनायाईडी ने कोर्ट को बताया कि आरोपितों ने बड़ी साजिश करते हुए अवैध तरीके से सरकारी दस्तावेजों में हेराफेरी कर जमीन अधिग्रहित किया। ये छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) व अन्य बिना बिक्री वाली जमीन को जनरल लैंड बनाकर उसकी खरीद-बिक्री कर देते थे। जालसाजों का एक बड़ा गिरोह इसमें सक्रिय था।ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: हेमंत सोरेन की जमानत पर SC ने ED से मांगा जवाब, 6 मई तक HC से पूर्व सीएम को मिलेगी राहत?
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