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Hemant Soren: 'झारखंड पुलिस सशक्त व क्षमतावान है', झारखंड के पहले महिला पुलिस सम्मेलन में बोले CM हेमंत सोरेन

Jharkhand News शनिवार को डोरंडा के जैप वन स्थित शौर्य सभागार में दो दिवसीय प्रथम राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन 2024 का समापन हुआ। इस समापन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) थे। उन्होंने इस समारोह में कहा कि झारखंड पुलिस सशक्त व क्षमतावान है इसके बावजूद कुछ मामलों का अनुसंधान आइटी ईडी सीबीआइ को सौंपा जाता है।

By Dilip Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 26 Aug 2024 12:45 AM (IST)
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पहले राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन में शामिल हुए सीएम हेमंत सोरेन (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। डोरंडा के जैप वन स्थित शौर्य सभागार में चल रहे दो दिवसीय प्रथम राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन 2024 का शनिवार को समापन हो गया।

समापन समारोह के मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड पुलिस सशक्त व क्षमतावान है, इसके बावजूद कुछ मामलों का अनुसंधान आइटी, ईडी, सीबीआइ को सौंप दिया जाता है। ऐसा क्यों, इसपर विचार करने की जरूरत हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहली बार है जब राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन आयोजित किया गया है। इस आयोजन से महिला पुलिस कर्मियों के बीच उत्साह, उमंग और उम्मीद जगी है।

सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा-परिचर्चा हुई है, इसका सकारात्मक प्रभाव आने वाले दिनों में महिला पुलिसिंग व्यवस्था पर दिखे यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है।

'पुलिस स्तरीय सम्मेलन 6 महीने में एक बार होने की आवश्यकता है'

इस सम्मेलन में महिला पुलिस के हक-अधिकार, उचित मांगों, समस्याओं के निराकरण इत्यादि से संबंधित जो आवश्यक सुझाव राज्य सरकार तक पहुंची है, इन सुझावों पर यथोचित विचार किया जाएगा। राज्य की महिला पुलिस बल की बेहतरी के लिए बेहतर कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है।

सरकार हर विभाग में सकारात्मक बदलाव के साथ आगे बढ़ रही है। उनका मानना है कि राज्य स्तरीय महिला पुलिस सम्मेलन वर्ष में एक बार नहीं बल्कि 6 महीने में एक बार होनी चाहिए।

राज्य के पुलिस बल में जहां आज महिला पुलिस की संख्या 5 से 6 प्रतिशत है, वहीं आने वाले समय में यह संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंचे, इसके लिए सरकार मदद करेगी। समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन व अन्य अतिथियों ने एक विशेष स्मारिका का विमोचन किया।

मौके पर राज्य के विकास आयुक्त अविनाश कुमार, डीजीपी अनुराग गुप्ता, एडीजी सुमन गुप्ता सहित अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में महिला पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहीं।

महिला पुलिस पदाधिकारियों को थाना प्रभारी बनाने के लिए बनेगा नियम

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य की थानों में महिला पुलिस पदाधिकारी भी थाना प्रभारी बन सके, इसके लिए जल्द नियम बनेगा।

निश्चित रूप से थानों में वरीय पदाधिकारी के रूप में महिला पुलिस जिम्मेदारी संभाले ऐसी व्यवस्था बनाने की जरूरत है। आने वाले समय में राज्य स्तरीय पुरुष पुलिस सम्मेलन का भी आयोजन होगा।

कार्यपालिका एवं समाज के अंदर महिला पुलिस की भूमिका अहम

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में पुरुष और महिलाएं सिर्फ पुलिस विभाग में ही नहीं बल्कि कई क्षेत्रों में कंधे से कंधे मिलाकर समाज को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। अभी भी महिला और पुरुष के बीच कुछ फासले हैं जिसे पाटने की जरूरत है। कार्यपालिका और समाज के अंदर महिला पुलिस की भूमिका अहम रहती है।

कई संवेदनशील मामलों पर राज्य में कार्यरत महिला पुलिस कर्मियों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अक्सर राज्य की पुलिस पर कई सवाल खड़ा होते हैं। कई सवाल गलत तो कई सवाल सही भी हो सकते हैं।

यह मूल्यांकन का विषय है, इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। ऐसी पुलिसिंग व्यवस्था खड़ी करनी है, जिसमें राज्य की आम जनता का पुलिस पर भरोसा कायम रह सके।

कुछ चीजों को आसानी से सरलतापूर्वक सुधार किया जा सकता है

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक व्यवस्था सुधारना आपके हुनर और बेहतर कार्य शैली की बात है। कुछ चीजों को आसानी से सरलता पूर्वक सुधार किया जा सकता है। कई जगहों पर महिला समूहों की बड़ी संख्या है जैसे महिला कालेज, नर्सिंग कालेज, महिला से जुड़े शिक्षण संस्थानों के छात्रावास आदि।

यहां महिला पुलिस पदाधिकारियों का सीधा समन्वय होना चाहिए ताकि महिला से जुड़ी परेशानियों को जाना और समझा जा सके। समाज के अंदर बेहतर कार्यशैली का परिचय देते हुए रूढ़िवादी मानसिकता और व्यवस्था में बदलाव लाया जा सकता है।

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