CP Radhakrishnan Tenure: भ्रष्टाचार पर सख्त रहे राधाकृष्णन, उच्च शिक्षा पर किया फोकस; सरकार के साथ रिश्तों में खटास
सीपी राधाकृष्णन अब झारखंड के राज्यपाल नहीं रहेंगे। उनका कार्यकाल कई मायनों में खास रहा। अपने कार्यकाल के दौरान राधाकृष्णन भ्रष्टाचार पर काफी सख्त रहे। उनका फोकस उच्च शिक्षा पर रहा। हालांकि वे 4 विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति नहीं कर सके। कार्यकाल के दौरान हेमंत व चंपई सरकार के साथ उनके रिश्ते ज्यादा खास नहीं रहे। अब मोदी सरकार में मंत्री चुके संतोष गंगवार झारखंड के नए राज्यपाल होंगे।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के 11वें राज्यपाल के रूप में सीपी राधाकृष्णन ने उच्च शिक्षा में सुधार को लेकर कई प्रयास किए। हालांकि उनके कार्यकाल में चार विश्वविद्यालयों में कुलपति एवं प्रति कुलपतियों की नियुक्ति नहीं हो पाया। लंबे समय से इनके पद रिक्त हैं।
कुलाधिपति के रूप में राधाकृष्णन विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार को लेकर सख्त रहे। यहां तक कि उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में ही बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति डॉ. शुकदेव भोई को कार्यकाल पूरा होने से पहले पद से हटा दिया।
उन्होंने विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए कॉलेज सेवा आयोग के गठन पर जोर दिया था, लेकिन वे इसका गठन नहीं करा सके।
सीपी राधाकृष्णन भी सत्ता पक्ष के निशाने पर रहे। सत्ताधारी दल झामुमो ने कई मौके पर उनपर भी भाजपा के लिए काम करने का आरोप लगाया।
हेमंत की गिरफ्तारी के लिए झामुमो ने राज्यपाल को ठहराया जिम्मेदार
ईडी द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया गया। इसके अलावा, चंपई सोरेन सरकार के गठन में जानबूझकर देरी करने के आरोप लगे। हालांकि, राधाकृष्णन ने तथ्यों के साथ इसमें अपनी किसी तरह की भूमिका से इनकार किया।विधेयकों को पारित करने को लेकर भी हुई तकरार
राधाकृष्णन ने कानूनी सलाह लेने के बाद विधानसभा से पारित कुछ विधेयकों को राज्य सरकार को लौटाने का काम किया।इनमें 1932 के खतियान आधारित स्थानीयता नीति तथा आरक्षण की सीमा बढ़ाने से संबंधित महत्वपूर्ण विधेयक भी सम्मिलित हैं।इन्होंने झारखंड वित्त विधेयक एवं निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से संबंधित विधेयक भी लौटाए। हालांकि, उन्होंने कोर्ट फीस संशोधन विधेयक सहित कई विधेयकों को स्वीकृति भी प्रदान की।
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