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'हेमंत सोरेन चाहते थे 8.5 एकड़ भूमि पर...', ED ने इस 'मंसूबे' पर फेरा पानी; 10 दिन की पूछताछ में खुला राज

जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने दस दिन की रिमांड पूरी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोमवार को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट से और चार दिनों तक हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति मांगी। ईडी ने कोर्ट में बताया कि हेमंत सोरेन रिमांड पर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 12 Feb 2024 06:44 PM (IST)
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'हेमंत सोरेन चाहते थे 8.5 एकड़ भूमि पर...', ED ने इस 'मंसूबे' पर फेरा पानी;

राज्य ब्यूरो, रांची। जमीन घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने दस दिन की रिमांड पूरी होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सोमवार को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया। ईडी ने कोर्ट से और चार दिनों तक हेमंत सोरेन को रिमांड पर लेकर पूछताछ की अनुमति मांगी। ईडी ने कोर्ट में बताया कि हेमंत सोरेन रिमांड पर पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहे हैं।

वे अपनी अर्जित संपत्ति से संबंधित तथ्यों को भी छुपाने की कोशिश कर रहे हैं। ईडी के रिमांड आवेदन पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने और तीन दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी है। ईडी ने कोर्ट में दिए रिमांड आवेदन में बताया है कि आर्किटेक्ट विनोद सिंह व हेमंत सोरेन के बीच वाट्सएप चैट से संबंधित 539 पेज निकाला गया था। इसके बाद और 201 नए चैट से संबंधित पन्ने निकाले गए हैं।

वॉट्सएप चैट का अध्ययन किया गया है। इसमें विनोद सिंह ने छह अप्रैल 2021 को हेमंत सोरेन को एक प्रस्तावित मैप शेयर किया था जो बैंक्वेट हाल से संबंधित था। उक्त मैप से यह स्पष्ट हुआ है कि हेमंत सोरेन बरियातू की 8.5 एकड़ जमीन पर बैंक्वेट हाल बनवाना चाहते थे। जितनी जमीन व जिस लोकेशन पर बैंक्वेट हाल का प्लान तैयार था, उतनी जमीन 8.5 एकड़ के अलावा उस इलाके में दूसरी कोई नहीं है।

ईडी ने 10 फरवरी 2024 को उक्त भूखंड का भौतिक सत्यापन कराया। इस मौके पर बड़गाईं के अंचलाधिकारी, अंचल अमीन, आर्किटेक्ट विनोद सिंह, तत्कालीन राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद भी मौजूद थे।

वॉट्सएप चैट पर हस्ताक्षर से मना किया, मोबाइल भी नहीं दिया

ईडी ने रिमांड आवेदन में कोर्ट को बताया है कि जमीन घोटाले के आरोपित हेमंत सोरेन को रिमांड के दौरान आर्किटेक्ट विनोद सिंह से किए गए वाट्सएप चैट को दिखाया गया। उक्त चैट में अचल संपत्ति से संबंधित सूचनाओं का आदान-प्रदान था। आरोपित हेमंत सोरेन ने उक्त अचल संपत्ति को स्वीकारने व हस्ताक्षर से मना कर दिया।

आर्किटेक्ट विनोद सिंह के वाट्सएप चैट में न केवल संपत्तियों के संबंध में गोपनीय सूचनाएं थीं, बल्कि ट्रांसफर पोस्टिंग, सरकारी दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी किया गया था। इसके माध्यम से बड़ी मात्रा में धन की उगाही की गई और उसका लेन-देन किया गया।

पहले समन के बाद ही जमीन के मूल रैयत ने कर दिया दावा

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि हेमंत सोरेन को जमीन घोटाला मामले में आठ अगस्त 2023 को पहला समन किया था। उन्हें 14 अगस्त 2023 को ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने ईडी के समन की अवहेलना की और वे ईडी कार्यालय नहीं पहुंचे। दो दिन के बाद यानी 16 अगस्त 2023 को बरियातू की उक्त जमीन के मूल रैयत राज कुमार पाहन ने बड़गाईं अंचलाधिकारी के पास आवेदन देकर जमीन पर दावा कर दिया।

उन्होंने अंचलाधिकारी को बताया कि उनकी जमीन पर कुछ लोगों ने अवैध तरीके से कब्जा करने की कोशिश की है और जमाबंदी भी करवा ली है। इसके बाद जमीन वापसी की प्रक्रिया तेज हुई और कागजी कार्रवाई में तेजी लाई गई। 29 जनवरी 2024 को अंतत: एसएआर कोर्ट ने राज कुमार पाहन के पक्ष में फैसला देते हुए जमीन वापसी का आदेश दिया। इसी 29लजनवरी 2024 को ईडी तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दिल्ली स्थित आवास में छापेमारी कर रही थी।

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