झारखंड के नाराज कांग्रेस विधायकों से आलाकमान खफा, दिल्ली में डटे रहने को लेकर होगा बड़ा 'एक्शन'?
चंपई सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के पुराने मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मौका देने की मांग को लेकर दिल्ली में डटे झारखंड कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक अपनी मांग मनवाने में सफल होते नहीं दिख रहे। रविवार को उमंग सिंघार और गुलाम अहमद मीर से लंबे विमर्श के बाद अब विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और केसी वेणुगोपाल से मिलना चाहते हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। चंपई सोरेन सरकार में कांग्रेस कोटे के पुराने मंत्रियों को हटाकर नए चेहरों को मौका देने की मांग को लेकर दिल्ली में डटे झारखंड कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक अपनी मांग मनवाने में सफल होते नहीं दिख रहे। रविवार को उमंग सिंघार और गुलाम अहमद मीर से लंबे विमर्श के बाद अब विधायक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे और केसी वेणुगोपाल से मिलना चाहते हैं।
अभी तक इसमें सफलता नहीं मिल पाई है। विधायकों का कहना है कि उन्हें अध्यक्ष के निर्देश का इंतजार है। इसके बाद वह अपने अगले कदम के संबंध में निर्णय लेंगे। उधर, कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता लगातार अंसतुष्ट विधायकों को वापस रांची लौटने के लिए कह रहे हैं। विधायकों पर दबाव है कि उनका तरीका सही नहीं है। सोमवार को विधायकों से संपर्क का सिलसिला चला।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को वरिष्ठ नेताओं से उनकी मुलाकात कराई जा सकती है। अभी तक इस संबंध में कोई पुष्ट जानकारी विधायकों को नहीं मिल पा रही है। विधायक भी बीच का रास्ता निकालने की कोशिश में हैं। वे मीडिया से भी बातचीत करने में परहेज कर रहे हैं। इस बात की प्रबल संभावना है कि विधायक मंगलवार को रांची वापस लौट आएं। आलाकमान को नाराज करने के मूड में विधायक नहीं हैं।
विधायकों के ठिकाने को लेकर भी अटकलें
विधायकों के ठिकाने को लेकर भी अटकलों का बाजार गर्म है। कहा जा रहा है कि वे दिल्ली से बाहर निकल चुके हैं। उनका ठिकाना बेंगलुरु या जयपुर हो सकता है। हालांकि, बातचीत के दौरान नाम नहीं छापने की शर्त पर एक विधायक ने कहा कि वे लोग दिल्ली के एक रिसॉर्ट में ही हैं। उनका यहां से कहीं जाने का इरादा नहीं है। वे लोग मंगलवार की शाम तक रांची वापस लौट सकते हैं।
नाराज विधायकों पर आलाकमान कर सकती है कार्रवाई
कांग्रेस आलाकमान ने विधायकों के दिल्ली में आकर दबाव बनाने को गंभीरता से लिया है। कहा जा रहा है कि ये कार्रवाई के दायरे में भी आ सकते हैं। यही वजह है कि इन्हें ज्यादा रिस्पांस नहीं मिल रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर हैं।जो वरीय नेता इनसे संपर्क स्थापित कर रहे हैं, वे भी सामने आने से बच रहे हैं। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व विधायकों की कार्रवाई को अनुशासनहीनता से जोड़कर देख रहा है। प्रदेश कांग्रेस के नेता भी विधायकों की गतिविधियों को लेकर बोलने से बच रहे हैं।
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