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क्या बांग्लादेशी घुसपैठ पर CAA के तहत हो सकती है कार्रवाई? झारखंड हाईकोर्ट का केंद्र से सवाल

झारखंड हाईकोर्ट में बांग्लादेश से सटे राज्य के जिलों में हो रही घुसपैठ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा कि क्या केंद्र सीएए के तहत संताल क्षेत्र के पांच जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सीधी कार्रवाई कर सकती है? मामले में अगली सुनवाई दो मई को निर्धारित की गई है।

By Manoj Singh Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 09 Apr 2024 08:52 PM (IST)
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क्या बांग्लादेशी घुसपैठ पर CAA के तहत हो सकती है कार्रवाई? झारखंड हाईकोर्ट का केंद्र से सवाल
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एके राय की खंडपीठ में बांग्लादेश से सटे राज्य के जिलों में हो रही घुसपैठ के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।

अदालत ने पूछा कि क्या केंद्र सरकार सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के तहत संताल क्षेत्र के पांच जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सीधी कार्रवाई कर सकती है या नहीं ताकि घुसपैठियों को चिह्नित कर उन्हें वापस भेजा सके। अदालत ने इस बिंदु पर केंद्र सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले में अगली सुनवाई दो मई को निर्धारित की गई है।

सुनवाई के दौरान अदालत को क्या बताया गया

मंगलवार को सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि झारखंड के संताल परगना के पांच जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों पर केंद्र सरकार कार्रवाई कर सकती है। मामले में राज्य सरकार की ज्यादा भूमिका नहीं है। केंद्र सरकार की ओर से देश में सीएए लागू करने के बाद स्थितियां बदली है।

इसके तहत पड़ोसी देश के कुछ अल्पसंख्यकों को नागरिकता दी जानी है। अदालत को यह भी बताया गया कि साहिबगंज, पाकुड़, दुमका, गोड्डा व जामताड़ा क्षेत्र में बांग्लादेशी घुसपैठियों की संख्या बढ़ती जा रही है। यह लोग आदिवासी आबादी को बहुत ज्यादा प्रभावित कर रहे हैं। इसलिए, झारखंड में बसे बांग्लादेशियों पर अंकुश लगाने की जरूरत है।

पूर्व में अदालत ने गृह मंत्रालय से पूछा था कि झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में बांग्लादेशी कैसे घुसपैठ कर रहे है। इसे रोकने के लिए क्या किया जा रहा है। इस संबंध में डेनियल दानिश की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है।

46 मदरसा के नामों की सूची भी अदालत को सौंपी गई

याचिका में कहा गया है कि संताल परगना के वैसे जिले जिनकी सीमा बांग्लादेश से सटी हैं, उन जिलों में बांग्लादेश के प्रतिबंधित संगठन सुनियोजित योजना के तहत झारखंड के आदिवासियों लड़की से लव जिहाद के तहत शादी करते हैं और जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। इसे रोका जाना अनिवार्य है।

पिछले कुछ वर्षों में संताल परगना के बांग्लादेशी सीमा से सटे जिलों में अचानक मदरसों में बढ़ोतरी हुई है। प्रार्थी ने लगभग 46 मदरसा के नामों की सूची भी अदालत को सौंपी है, जो नए बनाए गए है। इस मदरसे के माध्यम से देश विरोधी कार्य किए जा रहे हैं। इसलिए इस पर रोक लगाना अनिवार्य है।

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