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Ranchi Traffic: रांची की खस्ताहाल ट्रैफिक व्यवस्था में पर हाई कोर्ट ने जताई नाराजगी, SP को दे दिए कड़े निर्देश

झारखंड हाई कोर्ट में रांची की खराब ट्रैफिक व्यवस्था को पर फिर से सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि कई आदेश के बाद भी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं देखने को मिल रहा है। राज्य सरकार को हाई कोर्ट ने ट्रैफिक में सुधार को लेकर किए गए उपायों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया।

By Manoj Singh Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Tue, 06 Aug 2024 06:36 PM (IST)
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रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था वाली याचिका पर हाई कोर्ट में हुई सुनवाई (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आर मुखोपाध्याय व जस्टिस पीके श्रीवास्तव की खंडपीठ में रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर सुनवाई हुई।

सुनवाई के दौरान अदालत ने नाराजगी जताते हुए मौखिक रूप से कहा कि कई आदेश के बाद भी रांची की ट्रैफिक व्यवस्था में कोई सुधार नहीं दिख रहा है।

अगली सुनवाई 21 अगस्त को की जाएगी

ट्रैफिक व्यवस्था के लिए दीर्घकालिक योजना बनाने की जरूरत है। अदालत ने राज्य सरकार को ट्रैफिक सुधार के लिए किए गए उपायों की जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से देने का निर्देश दिया है।

मामले में अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी। अदालत ने कहा कि सात वर्षों से जनहित याचिका पर सुनवाई हो रही है, लेकिन रांची में जाम की समस्या का समाधान नहीं निकल है।

अदालत ने अवैध रूप से चल रहे ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ लगातार अभियान चलाने का निर्देश दिया। रांची में ट्रैफिक में सुधार जमीनी स्तर पर दिखना चाहिए।

ट्रैफिक एसपी अदालत में हुए पेश

सुनवाई के दौरान ट्रैफिक एसपी अदालत में उपस्थित हुए थे। कोर्ट ने उनसे पूछा कि विभिन्न चौक चौराहों पर ट्रैफिक पोस्ट एवं उसमें वाशरूम को लेकर क्या व्यवस्था की गई है।

ट्रैफिक एसपी की ओर से अदालत को बताया गया कि रांची में 60 ट्रैफिक बूथ एवं 50 ट्रैफिक पोस्ट चिह्नित किया गया है। रांची नगर निगम की ओर से बताया गया कि ट्रैफिक बूथ और पोस्ट के निकट माड्यूलर वाशरूम की व्यवस्था की जाएगी।

कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी को दिए कई निर्देश

कोर्ट ने ट्रैफिक एसपी से मौखिक कहा कि रांची में ऑटो एवं ई-रिक्शा के चालक ड्रेस कोड में रहें, यह सुनिश्चित होना चाहिए। ट्रैफिक व्यवस्था सुगम बनी रहे इसके लिए लगातार विशेष अभियान चलाएं।

यह भी देखा जाए कि ऑटो या ई-रिक्शा चालक अपने वाहन में निर्धारित संख्या से ज्यादा यात्री किसी भी हाल में न बैठाए। अदालत ने कहा कि वीआइपी मूवमेंट के समय तो ट्रैफिक व्यवस्था ठीक रहती है लेकिन आम लोगों का रांची के सड़कों पर चलना काफी कठिन होता है।

प्रतिदिन उन्हें जाम की समस्या से निपटना पड़ता है। बता दें कि रांची की लचर ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई कर रहा है।

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