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धनबाद पुलिस पर लगे कोयला चोरी के आरोपों की जांच करेगी सीबीआई; हाई कोर्ट का आदेश, नहीं चली सरकार की दलील

High Court झारखंड हाई कोर्ट ने कोयला चोरी के आरोपों को लेकर दाखिल की गई याचिका को सुनवाई के योग्य मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। कोर्ट ने प्रदेश सरकार की दलील को नकारते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से उपलब्ध कराए गए साक्ष्य जांच योग्य हैं। बता दें कि इस मामले में पुलिस कर्मियों की संलिप्तता की भी जांच होगी।

By Manoj Singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Thu, 03 Oct 2024 07:59 PM (IST)
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कोयला चोरी मामले में धनबाद पुलिस की संलिप्तता की जांच करेगी CBI, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने धनबाद में कोयला चोरी और पुलिस की संलिप्तता की जांच सीबीआई से कराने का आदेश दिया है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि प्रार्थी की ओर से याचिका में उपलब्ध कराए गए सभी साक्ष्य जांच योग्य हैं।

यह मामला राज्य के महत्वपूर्ण संसाधन कोयला की चोरी से संबंधित है। इसकी जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। जांच में तथ्य सही पाए जाने पर सीबीआई आगे की कार्रवाई कर सकती है।

कोर्ट ने सुरक्षित रख लिया था फैसला

न्यायालय ने मामले में प्रतिवादी बनाए गए सभी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ भी जांच करने का निर्देश दिया है। मामले में दोनों पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद न्यायालय ने 27 सितंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

इस संबंध में एक निजी समाचार चैनल के संचालक अरूप चटर्जी ने याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया है कि उन्होंने धनबाद में कोयला चोरी को लेकर प्राथमिकी कराई थी। जिसमें विभिन्न कोलियरी से कोयला चोरी होने और अवैध व्यापार करने का आरोप लगाया था।

इसमें तत्कालीन एसएसपी संजीव कुमार सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को नामजद आरोपित बनाया गया था। कोयला चोरी को लेकर प्रार्थी की ओर से साक्ष्य भी देते हुए कहा गया कि धनबाद में कोयला चोरी को लेकर एक सिंडिकेट काम कर रहा है।

कोयले के अवैध धंधे का आरोप

इसके माध्यम से कोयला का अवैध कारोबार किया जा रहा है। इसकी कमाई अधिकारी, पुलिस, अपराधी और अन्य के बीच बांटी जाती है। पूर्व में सुनवाई के दौरान न्यायालय के समक्ष बीसीसीएल की ओर से प्राथमिकी के दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे।

कहा गया कि बीसीसीएल के अधिकारी कोयला चोरी करने से संबंधित प्राथमिकी कराते हैं, लेकिन जानबूझ कर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। प्रार्थी की ओर से इसको लेकर प्राथमिकी के आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं करने पर न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी।

सरकार ने कहा, याचिका सुनवाई योग्य नहीं

सुनवाई में प्रतिवादियों की ओर से पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। पुलिस अधिकारियों के खिलाफ धनबाद में कोयले के अवैध व्यापार में वसूली का आरोप बेबुनियाद हैं।

प्रार्थी के आवेदन पर पुलिस ने विभिन्न स्तर पर कार्रवाई की है। इसके अलावा प्रार्थी इस मामले में पीड़ित नहीं है। प्रार्थी के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई की है, इसीलिए पुलिस को फंसाने के लिए उसने प्राथमिकी दर्ज करने का आवेदन दिया है।

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