राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट में सीसीएल की ओर से भूमि का मुआवजा नहीं देने के विरुद्ध दाखिल जनहित याचिका पर आंशिक सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने मुआवजा के संबंध में सरकार और सीसीएल को निर्देश देने का आदेश दिया है।
अगली सुनवाई जनवरी में
मामले में अगली सुनवाई जनवरी में होगी। इस संबंध में कोलियरी योजना विस्थापित प्रभावित रैयती समिति की ओर से जनहित याचिका दाखिल की गई है।
सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार ने अदालत को बताया कि सीसीएल ने मगध, आम्रपाली और अशोका कोल परियोजना के लिए हजारों एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया है।
अभी नहीं मिला मुआवजा
गैरमजरूआ भूमि के संबंध में डीसी ने सभी रैयती को उनके स्वामित्व की रिपोर्ट भी दी है, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है। वन पट्टाधारियों की स्थिति भी वैसी ही है। हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के तहत ट्रिब्यूनल काम कर रहा है, लेकिन गैरमजरूआ खास भूमि के संबंध में सीसीएल सिर्फ इस कारण रैयतों को मुआवजा नहीं दे रहा है कि सरकार द्वारा भी मुआवजा का दावा किया गया है।
प्रार्थी ने कहा कि सरकार के शपथ पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि रैयतों को गैरमजरूआ खास भूखंडों के लिए मुआवजा देय होगा। सरकार को सलामी तथा रेंट का भुगतान सीसीएल को करना होगा। वादी की ओर से कहा गया कि जब तक इस बिंदु को स्पष्ट नहीं किया जाता है, तब तक संशय की स्थिति बनी रहेगी और रैयतों को भुगतान संभव नहीं होगा।