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जेल में बैठकर अपराधी ED अधिकारियों के खिलाफ रच रहे साजिश, हाई कोर्ट ने जांच एजेंसी से मांगी सीलबंद रिपोर्ट

झारखंड हाई कोर्ट में मंगलवार को होटवार जेल से ईडी अधिकारियों को फंसाने की साजिश मामले में सुनवाई हुई। इस दौरान प्रार्थी शिवशंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने अखबार में छापे गए कुछ रिपोर्टों को प्रस्‍तुत किया। उन्‍होंने कहा कि सरकार के इशारे पर ऐसा किया जा रहा है। इस पर अदालत ने ईडी को 21 नवंबर को सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 08 Nov 2023 11:42 AM (IST)
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ईडी के खिलाफ जेल में रची जा रही है साजिश।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा व जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ में मंगलवार को सरकारी, गैर मजरूआ जमीन की खरीद-बिक्री से संबंधित मामलों की जांच को लेकर सुनवाई के दौरान प्रार्थी शिवशंकर शर्मा के अधिवक्ता राजीव कुमार ने होटवार जेल से ईडी अधिकारियों को फंसाने की साजिश का मुद्दा उठाया।

जेल में ईडी के खिलाफ रची जा रही साजिश

उनकी ओर से अदालत में समाचार पत्रों को प्रस्तुत करते हुए कहा गया कि जेल में बंद कुछ आरोपित अब ईडी अधिकारियों के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। ऐसा सरकार के इशारे पर किया रहा है।

इस मामले में अदालत को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। इस पर अदालत ने जेल से ईडी अधिकारियों को फंसाने की साजिश और जेल में छापेमारी से संबंधित रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने ईडी को 21 नवंबर को सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

ईडी खुद कर रही है मामले की जांच

प्रार्थी के अधिवक्ता की ओर से जेल से संबंधित मुद्दा उठाए जाने पर अदालत ने महाधिवक्ता राजीव रंजन को बुलाया। अदालत ने महाधिवक्ता से कहा कि यह गंभीर मामला है। इसको हल्के में नहीं लिया जा सकता।

महाधिवक्ता राजीव रंजन ने अदालत को बताया कि यह मीडिया ट्रायल है। मीडिया में जो भी बातें आ रही हैं, वह सही नहीं है। ईडी इस मामले की जांच कर रही है। उसने जेल के कई कर्मचारी व अधिकारियों को समन भी जारी किया है। जब ईडी स्वयं इसकी जांच कर रही है तो इस पर हाई कोर्ट स्वत: संज्ञान नहीं ले सकता।

ईडी को मामले पर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश

महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के कई आदेशों में यह स्पष्ट किया गया है कि जब कोई एजेंसी किसी मामले की जांच कर रही है, तो अखबारों में प्रकाशित खबरों पर अदालतें स्वत: संज्ञान नहीं ले सकतीं। यह मामला भी इसी तरह का है।

इस पर अदालत ने कहा कि अखबारों की खबरों को अदालत सही नहीं मान रही है, लेकिन ऐसी बातों को नकारा भी नहीं जा सकता। इसके बाद अदालत ने ईडी को जेल से अधिकारियों के खिलाफ चल रही साजिश और छापेमारी की सीलबंद रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।

यह है मामला

बता दें कि शिवशंकर शर्मा ने सरकारी जमीन की खरीद-बिक्री की जांच को लेकर जनहित याचिका दाखिल की है।

याचिका में कहा गया है कि सरकारी और गैर मजरूआ जमीन की अवैध तरीके से खरीद बिक्री कर जमीन माफिया और अधिकारियों के गठजोड़ ने अवैध संपत्ति अर्जित की है।

अदालत से इस मामले की जांच कराने का आग्रह किया गया है। इसी मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता ने ईडी अधिकारियों के खिलाफ चल रही साजिश का मामला अदालत में उठाया था।

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