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Big Achievement: देश में सबसे ज्यादा राशि की वसूली... ऋण वसूली ट्रिब्यूनल ने एक वर्ष में वसूले 514 करोड़

Big Achievement Jharkhand ऋण वसूली ट्रिब्यूनल ने वर्षों से बकाया करोड़ों रुपया वसूल कर बैंक को लौटाया है। देश में सबसे ज्यादा राशि की वसूली कर रिकार्ड कायम किया है। सिर्फ मार्च में जहां 50 करोड़ की वसूली की है वहीं एक साल में 514 करोड़ की वसूली की है।

By M EkhlaqueEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 08:07 PM (IST)
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Jharkhand Big Achievement: देश में सबसे ज्यादा राशि की वसूली... ऋण वसूली ट्रिब्यूनल ने एक वर्ष में वसूले 514 करोड़
मनोज सिंह, रांची : रांची डीआरटी (ऋण वसूली ट्रिब्यूनल) ने इस वित्तीय वर्ष में दोगुने की कर्ज की वसूली की है, जो देश में सबसे ज्यादा कर्ज की वसूली है। डीआरटी ने सिर्फ मार्च महीने में 50 करोड़ रुपये की कर्ज की वसूली की है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 514.59 करोड़ रुपये कर्ज की वसूली कर डीआरटी ने बैंकों को पैसे लौटा दिए हैं। इसके साथ ही 634 केस को सुलझाया जा चुका है। रिकवरी आफिसर कन्हैया कुमार ने बताया कि वित्तीय वर्ष में 514 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली की गई है, जो पूरे देश में सबसे ज्यादा कर्ज की वसूली की राशि है। झारखंड जैसे छोटे राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है।

बीस लाख से ज्यादा के मामले पहुंचते डीआरटी

कन्हैया कुमार ने बताया कि बीस लाख रुपये से ज्यादा के कर्ज की वसूली का मामला डीआरटी में आता है। जब बैंक उक्त खाते एनपीए हो जाते हैं। तो बैंक यहां पर उनके मामले को भेजता है। यहां पर पीठासीन अधिकारी ग्राहक पर बैंक के क्लेम को पुख्ता कर रिकवरी आफिसर के यहां भेज देता है। इसके बाद उक्त ग्राहक की प्रापर्टी को सेल करने की नोटिस भेजी जाती है। कन्हैया कुमार कर्ज से जुड़े 40 मामलों की रोजाना सुनवाई करते हैं।

कोरोना काल में भी हुई वसूली

कोरोना काल यानी वर्ष 2020-21 में डीआरटी में भले ही कोई नया कोस नहीं आया हो, लेकिन डीआरटी ने इस दौरान भी कर्ज की वसूली की है। इस दौरान कुल 313 केस का निष्पादन कर दिया गया है और 123.84 करोड़ की वसूली की गई है। फिलहाल अभी तक कुल तीन हजार से ज्यादा मामले लंबित हैं। रिकवरी आफिसर कन्हैया कुमार ने कहा कि मामलों के लंबित रहने के कई कारण है। उन मामलों को भी लंबित माना जाता है, जिनमें संपत्ति को बेचने के लिए नोटिस जारी किया जा चुका है। 444 ऐसे मामले हैं, जिसमें संपत्ति को बेचने की प्रक्रिया चल रही है। 364 ऐसे मामले में जिसमें ऋण नहीं चुकाने पर लोन लेने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। 1617 मामले ऐसे जिसमें बैंक की कमियों की वजह से वसूली नहीं हो पा रही है। इसमें दस्तावेज के सत्यापन सहित अन्य कारण हैं।

ऋण चुकाने के लिए किया प्रोत्साहित

झारखंड के कई बड़े ऋण की वसूली का मामला डीआरटी पहुंचा। रिकवरी आफिसर कन्हैया कुमार ने नोटिस कर बुलाया। दोनों पक्षों को समझाकर ऋण चुकाने के लिए कुछ समय दिया। इसके बाद नतीजा है कि धनबाद में प्रभातम माल आज बन गया है। प्रभातम बिल्डवेल ने हुडको (आवास व शहरी विकास निगम) से लोन लिया था। 38 करोड़ की देनदारी कंपनी पर थी। बैंक ने उसके खाते को एनपीए कर रिकवरी के लिए हमारे यहां भेज दिया। हमने उनके बात की और ऋण चुकाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसका नतीजा है कि माल बन गया और ऋण भी चुकाया जा रहा है। इसी तरह से स्वावलंबी शिक्षा ट्रस्ट ने 8.40 करोड़ चुकाए, मार्क्स मैन ने 6.50 करोड़, श्री द्वाराकाधीश उद्योग प्राइवेट लिमिटेड ने 5 करोड़, रेनुका पालीसैक्स 2.29 करोड़, इंडो आस्ट्रेलियन होस मेनीफैक्चर ने 4 करोड़ श्रीराम काम ट्रेड 4 करोड़ और बीआरएसएस प्लोर मिल्स ने 3.50 करोड़ रुपये की वसूली की गई।

किस साल कितने करोड़ की वसूली हुई

  • वर्ष 2019-20 में लंबित केस की संख्या 3174 है। नए केस की संख्या 699 है। निष्पादित केस की संख्या 287 है। 118.13 करोड़ की वसूली हुई है।
  • वर्ष 2020-21 में लंबित केस की संख्या 3665 है। नए केस शून्य रहे। निष्पादित केस की संख्या 313 रही। 123.84 करोड़ की वसूली हुई।
  • वर्ष 2021-22 में लंबित केस की संख्या 3215 रही। नए केस की संख्या 13 रही। निष्पादित केस की संख्या 634 रही। 514.59 करोड़ की वसूली हुई।
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