Himanta Biswa Sarma: झारखंड में BJP की सरकार बनी तो कौन होगा CM, सरमा ने किसका लिया नाम?
असम के मुख्यमंत्री और झारखंड भाजपा के मुख्य रणनीतिकार हिमंत बिस्वा सरमा ने दावा किया है कि राज्य में भाजपा की सरकार बनेगी। उन्होंने कहा कि पहले चरण के चुनाव प्रचार अभियान में जनता ने जो रिस्पांस दिया है उसके बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बननी तय है। उन्होंने कहा कि भाजपा आदिवासी महिला और युवाओं के सहयोग से सरकार बनाएगी।
राज्य ब्यूरो, रांची। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) झारखंड भाजपा के मुख्य रणनीतिकार भी हैं और स्टार प्रचारक भी। पांच महीने पहले रांची आए हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव की तैयारियां प्रारंभ की तो झारखंड के रंग में रंग गए। गुमला से लेकर चाईबासा तक के हर गांव कस्बे का नाम और यहां की डेमोग्राफी इनको याद है। हेमंत सोरेन सरकार को सबसे बड़े झटका इन्होंने तब दिया जब पूर्व मुख्यमंत्री और झामुमो के कद्दावर नेता चंपई सोरेन (Champai Soren) को भाजपा के पाले में ले आए।
प्रदेश भाजपा के किसी अन्य नेता की तुलना में हिमंत बिस्वा सरमा ने चुनाव में रणनीति से लेकर प्रचार अभियान तक प्रचंड मेहनत की। इसी के भरोसे हिमंत बिस्वा सरमा को उम्मीद है कि 23 नवंबर को जब परिणाम (Jharkhand Election 2024) आएगा तो झारखंड में भाजपा सरकार बनेगी।दैनिक जागरण के वरिष्ठ संवाददाता दिव्यांशु से उन्होंने चुनाव और सरकार बनने के भरोसे पर खास बातचीत की। प्रस्तुत है पूरी बातचीत।
सवाल: लंबी रणनीति और पूरे प्रदेश में कार्यकर्ताओं-नेताओं से मिलकर प्रचार अभियान चलाने के बाद आपको भाजपा के लिए क्या संभावनाएं दिख रही हैं?जवाब: हमने जब चुनाव के लिए रणनीति बनाने का काम प्रारंभ किया तभी यह तय कर लिया था कि जो माहौल है, राज्य की जनता जिस तरह से झामुमो की अराजकता से परेशान है, उसमें हमारी जीत का पूरी संभावना है। लेकिन तत्कालीन माहौल, राज्य में जो गठबंधन सरकार थी उसकी भ्रष्टाचारी ताकत, इन सबको देखकर कुछ शंकाएं भी थी। अब पहले चरण के चुनाव प्रचार अभियान में जनता ने जो रिस्पांस दिया है उसके बाद झारखंड में भाजपा की सरकार बननी तय है।
झारखंड का आदिवासी समाज यह समझ गया है कि भाजपा ही उसकी शुभचिंतक है। हम आदिवासी, महिला और युवाओं के सहयोग से सरकार बनाएंगे। युवाओं को रोजगार का भरोसा है। महिलाओं को सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का भरोसा भाजपा से है। मैं पूरी जिम्मेदारी से कह सकता हूं कि लोकसभा चुनाव में विधानसभा क्षेत्र की जो बढ़त हमने कायम की थी वह बरकरार रहेगी।
सवाल- पूरे प्रचार अभियान में भाजपा के स्थानीय नेताओं की तुलना में केंद्र से आए नेता ही प्रभावी हैं। आप और शिवराज सिंह चौहान बड़े मामलों पर प्रेस को संबोधित कर रहे हैं। इससे क्या संदेश जा रहा है। क्या प्रदेश नेतृत्व यह काम नहीं कर पा रहा है?
जवाब: प्रदेश के सभी बड़े नेता या तो चुनाव लड़ रहे हैं या किसी प्रबंधन के काम में लगे हैं। क्षेत्र में तो प्रदेश के नेता ही बैठे हैं। जनता के बीच जाकर उनकी बात सुनने का काम भी प्रदेश के और स्थानीय नेता ही कर रहे हैं। हमलोग प्रचार में जरूर लगे हैं लेकिन स्थानीय नेतृत्व बहुत मजबूत है। देखिए, भाजपा राष्ट्रीय पार्टी है। इसमें देशभर के कार्यकर्ता एक परिवार की तरह होते हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व दूसरे प्रदेश के नेताओं को एक जिम्मेदारी की भावना से भेजता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश को अपना परिवार कहते हैं। उनके काम पर लोगों को भरोसा है।
सवाल- कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आरोप लगा रहे हैं कि हिमंत बिस्व सरमा और शिवराज सिंह चौहान जैसे बाहरी लोग झारखंड के चुनाव को प्रभावित कर रहे हैं। राहुल गांधी कह रहे भाजपा पिछड़े और आदिवासी को आगे नहीं आने दे रही है।
जवाब: राहुल गांधी अगर ऐसा कर रहे हैं तो मैं इससे बहुत प्रसन्न हूं। उनको बताना चाहिए कि वो कहां के हैं, कांग्रेस के प्रभारी मीर साहब कहां के हैं। अगर वो आकर यहां चुनाव प्रचार कर सकते हैं तो हम बाहरी कैसे हो गए। कांग्रेस और हेमंत सोरेन हमारे आरोप का जवाब नहीं दे पा रहा हैं। इसी वजह से हमें बाहरी कह रहे हैं। जहां तक पिछड़ों और आदिवासी की बात है तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का काम यह बताने के लिए काफी है कि भाजपा इन समुदाय की कितनी चिंता करती है। कांग्रेस और झामुमो तो उल्टे आदिवासियों का अपमान कर रही हैं।
सवाल- हिंदुओं की असुरक्षा का मुद्दा उठाकर आपलोग सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कह रहे हैं कि भाजपा हिंदू मुस्लिम को लड़ाकर चुनाव जीतना चाह रही है।जवाब: हम तो चाहते हैं कि हेमंत सोरेन कहें कि गढ़वा में दुर्गा माता की प्रतिमा नहीं रोकी गई थी, स्कूलों में सरस्वती वंदना बंद नहीं करवाई जाती है। वो कह दें कि यह नहीं होता है। अगर यह हो रहा है तो हम आरोप लगाएंगे। हिंदूओं को दबाने के लिए दूसरे समुदाय को बढ़ावा देंगे तो भाजपा देखती नहीं रहेगी। जनता भी इसपर खामोश नहीं रहेगी।
सवाल- बांग्लादेशी घुसपैठ झारखंड चुनाव का सबसे चर्चित मुद्दा है। संताल परगना से लेकर छोटानागपुर तक नेता, कार्यकर्ता और जनता सब इसे बड़े मुद्दा बता रहे हैं। जबकि कांग्रेस और झामुमो इसे खारिज कर रहा है।जवाब: बांग्लादेशी घुसपैठ कोई राजनैतिक मुद्दा नहीं है। यह झारखंड और पूरे भारत की अस्मिता से जुड़ा मुद्दा है। असम में हमने बांग्लादेशी घुसपैठियों के अतिक्रमण से वहां के मूल लोगों की जिंदगी कैसे तबाह हुई यह देखा है। असम में हमारी सरकार ने इसे लेकर कड़े कानून बना दिए हैं। यही हाल झारखंड का है। रोटी, माटी और बेटी को ये घुसपैठिए लूट रहे हैं। आदिवासी समाज की संंख्या घट गई है। उनकी जमीन लूट ली गई है। और झामुमो की सरकार के लिए यह वोटबैंक का मामला है।
झारखंड में भाजपा की बनने वाली सरकार एनआरसी लाएगी। हम इन बांग्लादेशी अवैध प्रवासियों की पहचान करेंगे। प्रशासनिक सख्ती से और मजबूत राजनीतिक नेतृत्व से इस समस्या को खत्म किया जाएगा। इसपर कोई समझौता नहीं हो सकता। हम अपने आदिवासी भाईयों को अब और बर्बाद होने नहीं देंगे।
सवाल: शहरी सीटों पर इसबार भाजपा को कड़ा मुकाबला मिल रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को रांची और जमशेदपुर में रोड शो करना पड़ रहा है। अपने पारंपरिक क्षेत्र में भी भाजपा फंसी क्यों है।
जवाब: प्रधानमंत्री और गृहमंत्री शहरी या ग्रामीण क्षेत्र नहीं देखते। पूरा देश उनका परिवार है। हर क्षेत्र के लोग उनसे मिलना चाहते हैं। चुनाव एक मौका होता है कि लोगों के बीच जाया जाए। जहां तक शहरी सीटों पर मुकाबले की बात है तो झारखंड में इस बार शहर से लेकर गांव तक भाजपा के पक्ष में माहौल है। राज्य सरकार की भ्रष्टाचार, तुष्टीकरण की नीति कोई गांव शहर नहीं देख रही है। सबको अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है। शहर और गांव दोनों जगह लोगों को रोजगार चाहिए। यह काम भाजपा ही कर सकती है।
सवाल: इसबार आपने भाजपा के बागी या विद्रोही प्रत्याशी को मनाने में काफी मशक्कत की। कई मान भी गए, लेकिन क्या वो मन से चुनाव में लगे हैं।जवाब: झारखंड के इतिहास में यह पहला चुनाव है जब इतने नाराज कार्यकर्ताओं को मना लिया गया है। लोगों ने नामांकन वापस लिया है। देखिए हर कार्यकर्ता की इच्छा होती है चुनाव लड़ने की। लेकिन टिकट किसी एक को ही मिलता है। एकबार जब कार्यकर्ता मान जाते हैं तो फिर उनमें कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं रहती। पार्टी कैसे जीते इसपर पूरी टीम काम करती है। हमने जिन्हें मनाया है वो भी परिवार के ही लोग हैं। उनसे संवाद जारी है, सब काम कर रहे हैं।
सवाल: आप असम के मुख्यमंत्री हैं, अब प्रभारी के नाते झारखंड में भाजपा सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। असम सरकार के वदो कौन से गुड गवर्नेंस माडल को झारखंड में अपनाने की सलाह देंगे।जवाब: सबसे पहले तो है महिलाओं का सम्मान और आत्मनिर्भरता। इसके लिए जिस तरह असम सरकार उन्हें सहायता राशि दे रही है, उसी तरह झारखंड में हमारी बनने वाली सरकार ने गोगो दीदी योजना के तहत प्रतिमाह 2100 रुपए देने का वादा किया है। दूसरा है युवाओं को रोजगार। हमने बिना खर्ची पर्ची के लाखों युवाओं को रोजगार दिया है। यहां के लिए भी हमारे संकल्प पत्र में पांच लाख रोजगार का वादा किया गया है। इसे हम हर हाल में पूरा करेंगे। इसके अलावा बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें वापस भेजना। जिन आदिवासी बेटियों को धोखा देकर उन्होंने शादी की है और उसकी जमीन कब्जा कर ली है, उस जमीन को वापस लौटाना ये सब हमारी प्राथमिकताएं होंगी।
सवाल: भाजपा सरकार बनने की स्थिति में मुख्यमंत्री कौन होगा?जवाब: हमारे पास योग्य नेताओं की कमी नहीं है। जैसे ही सरकार बनाने के लिए बहुमत लाएंगे, हमारे जीते हुए विधायक और केंद्रीय नेतृत्व मिलकर नेता का चयन कर लेंगे। हम उन पारिवारिक दलों की तरह नहीं हैं जहां राजा का बेटा राजा होता है। अभी हमलोग प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, चंपई सोरेन जैसे अनुभवी नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं। सही समय पर सब मिलकर मुख्यमंत्री चुन लेंगे।ये भी पढ़ें- Amit Shah: 'अगर घुसपैठिया आदिवासी महिला से शादी करेगा तो भी उसे जमीन नहीं मिलेगी', झारखंड में अमित शाह का वादाये भी पढ़ें- Jharkhand Election 2024: उपचुनाव से MLA बने सात नेताओं के सामने इस बार अलग चुनाैती, कल्पना की सीट पर सबकी नजरें
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