रांची में ठहर गए 800 बसों के पहिए... क्या है हिट एंड रन कानून, जिससे चालकों के उड़े होश; कर रहे हड़ताल
Jharkhand News बस ड्राइवर्स की हड़ताल की वजह से 800 बसें नहीं चली। हिट एंड रन से संबंधित नए कानून के विरोध में हड़ताल की जा रही है। रांची नगर निगम की बसें भी काफी कम संख्या में सड़कों पर नजर आईं। खादगढ़ा बस स्टैंड के एजेंट ने बताया कि मालिक का आदेश है कि बसों का परिचालन बंद न करें। फिर भी चालक बस नहीं चला रहे हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। हिट एंड रन से संबंधित नए कानून के विरोध में वाहन चालकों ने राष्ट्रव्यापी तीन दिवसीय हड़ताल की घोषणा की है। एक जनवरी को पहले दिन हड़ताल का असर झारखंड में प्रभावी रहा। सड़कों पर बस-ट्रकें नहीं चलीं।
राजधानी रांची के खादगढ़ा, आइटीआइ बस स्टैंड व बस डिपो से खुलने वाली लगभग 800 बसों के पहिए थम गए। ट्रकों का भी परिचालन नहीं हुआ। इससे आम और खास हर कोई हलकान रहा। बसों का परिचालन नहीं होने से जन-जीवन ठहर गया।
रांची के खादगढ़ा बस स्टैंड से ही 550 से अधिक बसें खुलती हैं। झारखंड के अंदर 300 से अधिक बसें बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लिए खुलती हैं। वहीं, शेष दोनों स्टैंड से कुल 300 बसों का परिचालन होता है।
रांची नगर निगम की बसें भी काफी कम संख्या में सड़कों पर नजर आईं। खादगढ़ा बस स्टैंड के एजेंट ने बताया कि मालिक का आदेश है कि बसों का परिचालन बंद न करें। इसके बावजूद चालक और खलासी हड़ताल पर रहें। बसों के नहीं खुलने से यात्रियों को ट्रेन, निजी वाहन या अन्य माध्यमों का इस्तेमाल करना पड़ा।
चैंबर ने नए कानून पर जताई चिंता
झारखंड चैंबर आफ कामर्स ने चालकों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील की है। कहा है कि यह कानून अप्रैल 2024 से प्रभावी करने की बात कही गई है। किंतु देश की तमाम संस्थाएं अपना तर्कपूर्ण सुझाव सरकार को प्रेषित कर रही हैं। ऐसे में उम्मीद है कि भारत सरकार अपने इस निर्णय पर अवश्य ही पुनर्विचार करेगी।चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक किसी को भी इस कानून से विचलित होने की आवश्यकता नहीं है। वे ड्राइवरों के साथ हैं तथा इस कानून पर पुनर्विचार के लिए केंद्र सरकार से वार्ता करेंगे। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस कानून पर पुनर्विचार करेगी।
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