Move to Jagran APP

बिजली इंजीनियरों के फर्जी हस्ताक्षर से पांच करोड़ गटकने वाली थी एजेंसी, रांची के फ्लाइओवर की यूटिलिटी शिफ्टिंग में फर्जीवाड़ा

रांची के सिरमटोली-राजेंद्र चौक-मेकान फ्लाइओवर की यूटिलिटी शिफ्टिंग में भारी फर्जीवाड़ा होने की बात सामने आई है। कार्यालय अभियंता और सहायक अभियंता के फर्जी हस्‍ताक्षर से पांच करोड़ गटकने वाली थी एजेंसी। मामला पकड़ में आने के बाद तत्काल यूटिलिटी शिफ्टिंग एजेंसी का भुगतान रोकने का निर्देश जारी किया गया है। आगे कई और चौंकानेवाले खुलासे होने की उम्‍मीद है।

By Pradeep singh Edited By: Arijita Sen Updated: Tue, 09 Jan 2024 05:01 PM (IST)
Hero Image
रांची के सिरमटोली-राजेंद्र चौक-मेकान फ्लाइओवर की यूटिलिटी शिफ्टिंग में भारी फर्जीवाड़ा।
प्रदीप सिंह, रांची।  राजधानी के निर्माणाधीन सिरमटोली-राजेंद्र चौक-मेकन फोरलेन फ्लाईओवर की यूटिलिटी शिफ्टिंग में भारी फर्जीवाड़ा सामने आया है। फ्लाइओवर निर्माण के क्रम में बिजली विभाग की यूटिलिटी शिफ्टिंग के कार्य में बड़े पैमाने पर जालसाजी हुई है। मेजरमेंट बुक पर फर्जी हस्ताक्षर कर लगभग पांच करोड़ की राशि गबन करने की साजिश थी। मामला पकड़ में आने के बाद तत्काल यूटिलिटी शिफ्टिंग एजेंसी का भुगतान रोकने का निर्देश जारी किया गया है।

मेजरमेंट बुक पर इंजीनियरों के फर्जी हस्‍ताक्षर

बिजली विभाग की तरफ से रानी संस नामक कंपनी डिपोजिट हेड का काम कर रही है। इस प्रकरण में एजेंसी संदेह के घेरे में है। इस प्रकरण में कई अधिकारियों की जहां गर्दन फंस सकती है, वहीं कार्य करने वाली एजेंसी भी संदेह के घेरे में है।

मेजरमेंट बुक नंबर-3592 पर दर्ज बिजली अभियंताओं के हस्ताक्षरों को फर्जी बताया जा रहा है। इसे लेकर अधीक्षण अभियंता ने रांची विद्युत एरिया बोर्ड के महाप्रबंधक को पत्र भेजकर पूरे प्रकरण की जांच तथा कानूनी कार्रवाई के लिए निर्देश मांगे हैं। यह एमबी 18 दिसंबर, 2023 को जारी हुआ था।

पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता मो. इजराइल मंसूरी यह मेजरमेंट बुक लेकर बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे थे, जहां पदाधिकारियों ने पाया कि मेजरमेंट बुक पर कार्यपालक अभियंता और सहायक अभियंता के हस्ताक्षर फर्जी हैं।

क्या है पूरा मामला

चार जनवरी को पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता इजराइल मंसूरी विद्युत आपूर्ति प्रमंडल कोकर के कार्यालय में आए और उन्होंने सिरमटोली फ्लाइओवर के यूटिलिटी शिफ्टिंग कार्य से संबंधित एक पत्र एवं मेजरमेंट बुक संख्या-3592 दिखाया।

पत्र में पत्रांक संख्या 1532 और जारी करने की तिथि 18 दिसंबर 2023 दर्ज है। विद्युत कार्यपालक अभियंता ने पाया कि इस पत्र को उनके कार्यालय से पथ निर्माण विभाग को जारी नहीं किया गया है।

इतना ही नहीं, पत्र में विद्युत कार्यपालक अभियंता और सहायक अभियंता के हस्ताक्षर भी फर्जी थे। आश्चर्यजनक यह भी है कि जब इससे संबंधित पत्र पथ निर्माण विभाग को प्राप्त हुआ तो विभाग ने इसे लेकर विद्युत आपूर्ति प्रमंडल कोकर को पत्र लिखा।

वह पत्र भी कार्यालय को नहीं मिला। तत्काल एजेंसी को भुगतान रोकने का आग्रह किया गया। यह भी तय किया गया है कि अब बगैर उच्चाधिकारियों की संयुक्त रूप से काम की संपुष्टि (ज्वाइंट वर्कडन स्टेटमेंट) के बगैर भुगतान नहीं होगा।

पथ निर्माण विभाग बताए, किसके माध्यम से मिला पत्र

बिजली अधिकारियों ने पथ निर्माण विभाग से यह बताने को कहा है कि कार्यालय में मिला पत्र और मेजरमेंट बुक किस माध्यम से प्राप्त किया गया है, उसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए।

विभागों के बीच पत्राचार और विभागीय पत्रों के आदान-प्रदान के लिए किसी विभागीय पदाधिकारी को अधिकृत किया जाए। इसके अलावा किसी अन्य माध्यम से प्राप्त पत्रों पर बिना सत्यापन विचार नहीं किया जाए। 

उठ रहे कई सवाल, किसे जारी हुआ था एमबी नंबर

फ्लाइओवर की यूटिलिटी शिफ्टिंग में गबन की साजिश कई सवाल खड़े कर रही है। यह प्रकरण इस ओर भी इशारा कर रहा है कि पूर्व में भी इस तरह फर्जी हस्ताक्षर कर बगैर कार्य किए भुगतान कराए गए होंगे।

बगैर पदाधिकारियों की मिलीभगत के यह संभव नहीं है। सवाल यह भी उठ रहा है कि मेजरमेंट बुक नंबर-3592 किस अभियंता को जारी हुआ था।

पत्र में इसका कोई जिक्र नहीं करना भी ओर इंगित करता है कि मामला काफी पेचीदा है। इंजीनियरों का फर्जी हस्ताक्षर हुआ है तो उनके हस्ताक्षर की नकल करने वाला कोई करीबी और जानकार हो सकता है।

अबतक ऐसे कितने मेजरमेंट बुक पर फर्जी हस्ताक्षर कर एजेंसी ने पैसे की निकासी की है, यह भी जांच का विषय है। इन तमाम बिंदुओं की पड़ताल से कई चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।

यह भी पढ़ें: जल्‍लाद आशिक! पीट-पीटकर प्रेमिका को किया बेहोश, फिर ट्रेन की पटरी पर बॉडी रख कटने का करता रहा इंतजार

यह भी पढ़ें: खिचड़ी के लिए स्‍कूल में छीनाझपटी करने लगे बच्‍चे, खाना बांट रही बच्‍ची का गर्म भगाेने में डूबा हाथ

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।