Jharkhand Tender Scam: आइएएस अफसरों पर अब टेंडर घोटाले का आरोप... मामला पहुंचा झारखंड हाई कोर्ट
Jharkhand Tender Scam मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को झारखंड हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके जवाब में एक पूरक शपथ पत्र दाखिल किया गया है। इसमें प्रार्थी ने फर्जी दस्तावेज पर कंपनियों को टेंडर देने का आरोप लगाया है। इसमें पूजा सिंघल समेत कई नाम हैं।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sat, 07 May 2022 08:43 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ दाखिल याचिका में प्रार्थी की ओर से पूरक शपथ पत्र दाखिल किया गया है। इस याचिका में कहा गया कि जब हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री बने थे तो उन्होंने पथ निर्माण विभाग और जल संसाधन में पिछले पांच सालों में होने वाले टेंडर और शिड्यूल आफ रेट की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी बनाई थी। इसमें सचिव स्तर के अधिकारी सदस्य थे। लेकिन अभी तक कमेटी ने कोई जांच रिपोर्ट नहीं दी है।
फर्जी दस्तावेज के आधार पर दिया गया टेंडरप्रार्थी ने आरोप लगाया है कि आइएएस पूजा सिंघल और सुनील कुमार सहित अन्य आइएएस अधिकारी हैं, जो अपने-अपने विभागों में होने वाले टेंडर में बड़ा घोटाला किया है। आरोप है कि झारखंड राज्य भवन निर्माण कारपोरेशन में फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई कंपनियों को शिड्यूल आफ रेट से ज्यादा पर टेंडर दिया गया है। इन कंपनियों से राज्य के कैबिनेट मंत्री भी जुड़े या फिर उनके लोगों की कंपनियां है।
शिव कुमार ने अवैध रूप से अर्जित पैसों का किया निवेशयाचिका में इंजीनियर रहे शिव कुमार का जिक्र किया है, आरोप है कि वह अवैध रूप से कमाए गए पैसों को निवेश करता है। डोरंडा के महालेखाकार भवन के बगल में अर्श हाईट्स में भी पैसा लगाने और कई आइएएस का घर होने का दावा किया गया है। याचिका में पंजाब कैडर के दीप्रवा लकड़ा का जिक्र करते हुए कहा गया है कि वे अवैध रूप से सीएमओ में रहते हैं। प्रार्थी ने इस मामले की जांच सीबीआइ और ईडी कराने की मांग की है।
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